-दिल्ली में उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व अध्यक्ष को भावभीनी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
दिल्ली के किदवई नगर स्थित दिवा मंदिर में रविवार को उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के संस्थापक सदस्य और पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय फील्ड मार्शल दिवाकर भट्ट को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। सभा में उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने दिवाकर भट्ट को “उत्तराखंड का शेर” और “उत्तराखंड के वीर शिवाजी” की उपमा देते हुए कहा कि उन्होंने लाखों लोगों को अलग राज्य के लिए क्रांतिकारी प्रेरणा दी।
दिल्ली के किदवई नगर स्थित दिवा मंदिर में रविवार को उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के संस्थापक सदस्य और पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय फील्ड मार्शल दिवाकर भट्ट को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। सभा में उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने दिवाकर भट्ट को “उत्तराखंड का शेर” और “उत्तराखंड के वीर शिवाजी” की उपमा देते हुए कहा कि उन्होंने लाखों लोगों को अलग राज्य के लिए क्रांतिकारी प्रेरणा दी।
दिल्ली प्रदेश उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष डॉ. बिहारी लाल जालंधरी की अध्यक्षता में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा को धीरेंद्र प्रताप के अलावा उक्रांद के वरिष्ठ नेता सुरेश नौटियाल, प्रताप सिंह शाही, विनोद सिंह रावत, सोमपाल सिंह नेगी, कमल जोशी सहित कई पुराने आंदोलनकारियों ने संबोधित किया। सभा का संचालन उक्रांद के महामंत्री शिवचरण मुंडेपी ने किया।प्रताप सिंह शाही ने कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता दिवाकर भट्ट को सच्ची श्रद्धांजलि देगी और उत्तराखंड क्रांति दल सत्ता में वापस आएगा। सुरेश नौटियाल ने दिवाकर भट्ट के राज्य आंदोलन में अप्रतिम योगदान की सराहना की, हालांकि उन्होंने कुछ अवसरों पर उनकी भूमिका को विवादास्पद भी बताया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर से दिवाकर भट्ट को उत्तराखंड राज्य निर्माण का सबसे बड़ा जननायक माना। अंत में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
धीरेंद्र प्रताप ने घोषणा की कि आगामी 6 दिसंबर को दिल्ली के उत्तराखंड सदन में सभी दलों के नेताओं की उपस्थिति में स्वर्गीय दिवाकर भट्ट को सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी।उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दिल्ली स्थित पुराने आंदोलनकारियों और उक्रांद कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर दिवाकर भट्ट को याद कर भावुक हो गए और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। ![]()
