नोएडा खबर

खबर सच के साथ

सेहत की बात: वर्ल्ड स्ट्रॉक डे पर डॉ सुमित शर्मा की सलाह, जीवन शैली में बदलाव कर स्ट्रोक को करे गुडबॉय

1 min read

 

नोएडा, 28 अक्टूबर।

स्ट्रोक के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए प्रति वर्ष 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। स्ट्रोक के उपचार की जगह इससे बचाव पर अधिक बल देने की जरूरत है। फेलिक्स अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टरों का कहना है कि स्ट्रोक आने पर दिमाग में खून की सप्लाई रुक जाती है। इससे ब्रेन सेल्स को काफी नुकसान पहुंचता एवं कभी-कभी तो ब्रेन सेल्स मर भी जाते है। जिससे पैरालिसिस एवं गंभीर स्थिति में मृत्यु भी हो सकती है। अत्यधिक धूम्रपान, शराब का सेवन एवं खराब जीवन-शैली स्ट्रोक के कारण होते हैं। संतुलित जीवन-शैली को अपनाकर स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। पिछले कुछ सालों में युवा भी स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं।

डॉ सुमित शर्मा, न्यूरोसर्जन फेलिक्स हॉस्पिटल ने बताया कि पिछली साल लगभग ८० लोग स्ट्रोक की शिकायत ले कर फेलिक्स अस्पताल आये | 80 प्रतिशत लोगों को बचा लिया गया क्युकी वो समय पर अस्पताल पहुंचे |

बेहतर जीवन-शैली एवं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है। विश्व में एक साल में लगभग 1.45 करोड़ लोग स्ट्रोक से ग्रसित होते हैं। 90 प्रतिशत स्ट्रोक के मामलों में बचाव संभव है। बेहतर जीवन-शैली एवं शराब सेवन से दूरी बनाकर स्ट्रोक से बचा जा सकता है। स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों के आधार पर इससे बचाव संभव है। चेहरे का एक तरफ मुड़ने लगना, किसी एक बांह में दर्द का होना, आवाज लड़खाड़ने लगना या बोलने में तकलीफ होने आदि लक्षण दिखाई दें तब तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। स्ट्रोक के प्रकार दो प्रकार का होता है। पहला इस्केमिक स्ट्रोक। यह स्ट्रोक मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाले रक्त वाहिका में बाधा के परिणामस्वरूप होते हैं। रक्त प्रवाह में बाधा रक्त के थक्के के रूप में पैदा कर सकता है। इसे सेरेब्रल थ्रोम्बोसिस कहा जाता है। सेरेब्रल थ्रोम्बोसिस का मुख्य कारण रक्त वाहिकाओं और धमनियों (एथेरोस्क्लेरोसिस) में वसा का जमना होता है। वहीं रक्तस्रावी स्ट्रोक : रक्तस्रावी स्ट्रोक तब होता है जब एक कमजोर रक्त वाहिका टूट जाती है और मस्तिष्क में खून बहता है। रक्त बहाव आसपास के मस्तिष्क के ऊतकों पर दबाव बनाता है। इससे गंभीरता बढ़ जाती है। यदि सही समय पर चिकित्सकीय सेवा नहीं ली जाए तब यह जानलेवा हो जाती है। लगभग एक चौथाई स्ट्रोक्स के मामले असंतुलित आहार विशेषकर फलों एवं सब्जियों के कम सेवन करने से जुड़े होते हैं। इसलिए खाने में फल एवं सब्जियों को भी संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए साथ ही स्ट्रोक्स का जोखिम कम करने के लिए नमक का सेवन कम करना चाहिए। शराब, तंबाकू, सिगरेट या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करने से स्ट्रोक का जोखिम कम होता है। इसलिए नशापान से दूरी बनाकर रखना चाहिए।

लक्षण…….
-बोलने में परेशानी होना
-एक तरफ के हाथ-पैर का कमजोर होना
-देखने में परेशानी होना या धुंधला दिखना
-चेहरे पर कमजोरी आना या टेढ़ा होना
-शरीर के किसी भी हिस्से का सुन्न पड़ जाना
-शरीर पर नियंत्रण खो देना

 8,589 total views,  2 views today

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published.

साहित्य-संस्कृति

चर्चित खबरें

You may have missed

Copyright © Noidakhabar.com | All Rights Reserved. | Design by Brain Code Infotech.