टैक्स चोरी के नाम पर एसजीएसटी की छापेमारी पर एमएसएमई ने जताई आपत्ति, शासन को लिखी चिट्ठी
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नोएडा, 10 दिसम्बर।
उत्तर प्रदेश के वस्तु एवं सेवा कर विभाग द्वारा नोएडा, ग्रेटरनोएडा में जीएसटी अभियान के नाम पर व्यापारियों और उद्यमियों का खुलेआम शोषण किया जा रहा है। एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा इस पर कड़ी आपत्ति करती है। जिस प्रकार से जीएसटी के कर्मचारी बाजारों में भारी पुलिस बल के साथ सर्वे और छापे की कार्यवाही कर रहे हैं वह आपत्तिजनक है। व्यापारी और उद्यमी बेईमान नहीं है।
इस सम्बंध में एमएसएमई के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र नाहटा ने अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। संस्था ने अवगत कराया है कि ये लोग जिस दुकान या फर्म का सर्वे करने आ रहे है उसके पास के फर्म में जबरन जाकर उनके दस्तावेजों की जांच कर रहे है। ऐसा ही मामला सेक्टर-9 में मिला। यहां सर्वे के नाम महज एक एक घंटे में उक्त पर करीब ढाई लाख रुपए के टैक्स हेराफेरी बात कहकर उसे डराया धमकाया। बाद में कुछ पैसे लेकर चले गए। इस तरह से हो रही अवैध वसूली सरकार की जीरो टोलरेंस नीति को ठेंगा दिखा रही है। उद्यमी और व्यापारी इस तरह के कृत्य को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जब सारी व्यवस्था ऑनलाइन हो चुकी है। सारा डाटा भी ऑनलाइन है। इसके बाद भी इस तरह का उत्पीड़न व्यापारियों और उद्यमियों के साथ गलत है। वैसे भी कोरोना काल से अब जाकर उसका उद्यम पटरी पर लौट रहा है ऐसे में इस तरह की जबरन कार्यवाही कहा तक उचित है।
इसमें उनका पूरा सहयोग पुलिस भी दे रही है। ये पुलिस का फायदा उठा रहे है। जहा छापेमारी के दौरान भारी पुलिस बल के साथ आते है और उद्यमियों को डरा धमका रहे है। अनाप शनाप टैक्स चोरी दिखाकर उनके उगाही की जा रही है। इस पर लगाम कसी जाए। इसका संस्था और उद्यमियों की ओर से कड़ा विरोध है।
एक दिन में 23 फर्मों पर छापेमारी तीन-तीन दिन तक छापेमारी की जा रही है। इससे पहला उद्यमी का समय वेस्ट हो रहा है दूसरा उसकी सालों की साख खराब हो रही है। इसका सीधा असर बाजार पर पड़ रहा है। हम उद्यमी टैक्स देते है। राजस्व भी सर्वाधिक यही से जाता है। ऐसे में उनकी साख जिससे बाजार चल रहा है नोएडा में निवेश बढ़ रहा है पर आघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस तरह की आपत्तिजनक कार्यवाही यदि बंद नहीं की गई तो उद्यमियों को सड़क पर उतरकर इसका पूरजोर विरोध करना होगा। हम सभी सरकार के समर्थित और नियमों का पालन करने वाले है हमे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर नहीं किया जाए।
एक तरफ जहां इंस्पेक्टर राज समाप्त होता जा रहा है नोएडा में पुलिस और जीएसटी की टीम उसे वापस लाने का प्रयास कर रही है। ये अपनी पावर का गलत प्रयोग कर उद्यमियों को उत्पीड़ित कर रहे है। उन्होंने इन छापों को रोकने को कहा है।
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