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गौतमबुद्धनगर जिले में क्यों चरमरा रहा है बिजली का ढांचा ? डीडीआरडब्ल्यूए की यूपी के ऊर्जा मंत्री को चिट्ठी

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गौतमबुद्धनगर, 27 मई।

डीडीआरडब्लूए, गौतम बुध नगर फेडरेशन ने उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा से सवाल किया है कि यूपी में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले गौतमबुद्धनगर जिले में बिजली का ढांचा जर्जर क्यों है। गले हुए बिजली के खम्बों व ओवरलोड ट्रांसफार्मर्स को बदलने या अपग्रेड करने के लिए फण्ड का संकट क्यों है?

फेडरेशन के अध्यक्ष एनपी सिंह और वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव कुमार ने ऊर्जा मंत्री को जानकारी दी है कि पिछले तकरीबन 20 दिनों से जिले में पावर कट संबंधित समस्याएं अत्यधिक बढ़ चुकी है। हर दिन होने वाली पावर कट की समस्या से जिले के निवासी त्रस्त हो चुके हैं। जितनी समस्या इन दोनों हो रही है इतनी समस्या तो 7 -8 साल पहले भी नहीं थी।

यदि बिजली विभाग समय पर अपने उपकरणों की प्रीवेंटिव मेंटिनेस और सही प्लानिंग करता तो यह समस्या उत्पन्न ही ना होती। जैसे-जैसे गर्मी का पारा बढ़ता है जिले में पावर कट की समस्या शुरू हो जाती है। दिन हो या रात बिजली कट होने लगता है। इससे एक ओर जहां आम लोगों का घरेलू कामकाज बाधित होता है, वहीं व्यापार भी प्रभावित होता है।

इसका मुख्य वजह बिजली विभाग की सुस्ती है। लोगों को 24 घंटे बिजली देने का दावा करने वाला विभाग गर्मी के शुरूआत से ही नाकाम साबित होने लगा है। दिन और रात पावर कट और पावर फ्लकचुएशन की समस्या से लोग त्रस्त हो चुके हैं।

अनेकों बार विद्युत विभाग के बड़े अधिकारियों से मीटिंग की गई, परंतु जब अधिकारियों के हाथ बंधे रहेंगे जिले को सही तरह से प्रीवेंटिव मेंटेनेंस के लिए या फिर अपग्रेडेशन के लिए फंड नहीं मिलेगा तो इस तरह की समस्या आम निवासियों को झेलनी ही पड़ेगी। पेड़ों की ट्रीमिंग के लिए भी विभाग के पास पैसे नहीं है नोएडा प्राधिकरण की मदद से सेक्टरो में पेड़ों की प्रूनिंग /ट्रीमिंग करवाई जाती है।

जिले का आम आदमी बिजली कट की समस्याओं से त्रस्त हो चुका है (NO CUT ZONE) नो कट जॉन होने के बाद भी हर दिन चार से पांच घंटे (4-5 घंटे) बिजली काटी जा रही है। और फ्लकचुएशन भी बहुत अधिक है जिसके चलते निवासियों के बिजली उपकरण जैसे टीवी, फ्रिज, एसी, वाशिंग मशीन, इत्यादि खराब हो रहे हैं जिसकी जिम्मेदारी विद्युत विभाग को लेनी होगी।

देश की राजधानी दिल्ली के साथ बेस नोएडा शहर जो उत्तर प्रदेश की शो विंडो कहा जाता है उसका ऐसा हाल देखकर दया आती है। इंडस्ट्रियल टाउनशिप होने के नाते यहां बिजली बिल्कुल नहीं कटनी चाहिए। परंतु बिजली की समस्या से व्यापारी वर्ग भी त्रस्त हो चुका है यदि जल्दी ही पावर कट की समस्या का समाधान नहीं होता है तो प्रदेश के निवेश पर फर्क पड़ेगा। जो लोग इस शहर में अच्छा निवेश करना चाहते हैं वह किसी और शहर का चयन कर सकते हैं।

डीडीआरडब्लूए फेडरेशन ने का बिंदुओं पर आपके विभाग को तुरंत कार्य करने की आवश्यकता है।

1. नो कट जॉन का अर्थ समझते हुए यहां बिजली बिल्कुल नहीं जानी चाहिए सिस्टम को अपग्रेड करने की अत्यंत आवश्यकता है।

2. पूरे जिले में हजारों की तादाद में आपके बिजली के खंबे जंग लगने के कारण गल चुके हैं जिन्हें तुरंत बदलने की आवश्यकता है। अगर इन्हें समय पर नहीं बदला जाएगा तो बरसात में या आंधी में यह गिरेंगे और उसे समय पावर कट की समस्या उत्पन्न होगी।

3. ट्रांसमिशन लाइन को भूमिगत करना भी इसका एक विकल्प है। यदि जिले में की सभी ट्रांसमिशन लाइन भूमिका हो जाएगी तो मौसम के प्रभाव जैसे बरसात, पेड़ गिरना इत्यादि की समस्या से विद्युत सप्लाई प्रभावित नहीं हो सकेगी। अनुरोध है कृपया ट्रांसमिशन लाइन को ओवरहेड से भूमिगत करवाया जाए।

4. समय पर प्रीवेंटिव मेंटिनेस का चार्ट बनाते हुए सभी उपकरणों की मेंटेनेंस होनी चाहिए जैसे एसीबी ट्रांसफार्मर इत्यादि।

5. जहां भी विद्युत लाइन पेड़ों के संपर्क में आ रही है वहां तुरंत प्रूनिंग कराई जाए। इसके लिए आपको और आपके विभाग को एसडीओ लेवल पर प्रूनिंग मशीन उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है।

6. जिले में जहां भी खंभे गले हुए नजर आए उन्हें प्राइमर करके पेंट करने की भी आवश्यकता है जिससे इन पोल की लाइफ बढ़ सकती है । जिन टूटे हुए खम्बों को आप वेल्डिंग से रिपेयर करते हैं वेल्डिंग के उपरांत प्राइमर करके पेंट करने की भी आवश्यकता है।

7. जिले में जितने भी खंभे लगे हैं सब पर नंबर डालना अत्यंत आवश्यक है। जिससे विभाग को सूचना मिल सके कि किस नंबर के खंभे पर स्पार्क हो रहा है और कहां धमाका हुआ है।

पावर कट के समय फाल्ट की लोकेशन ट्रेस करने में यह बहुत सहायक सिद्ध होगा।

जिले के आम निवासी आपके विभाग के लिए आंख, कान, नाक का काम करते हैं जो फाल्ट के समय आपको समय पर सूचना दे सके जिससे कि फाल्ट की लोकेशन कहां पर है किस खंबे के पास है या किसी खंबे पर है।

8. ओवर लोडेड ट्रांसफार्मर एवं बिजली के तार हर डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफार्मर से क्षमता से अधिक उपभोक्ताओं को कनेक्शन और गर्मी में बढ़ी खपत ने पूरे वितरण सिस्टम को चरमरा दिया है। विभाग को इस पर कार्य करने की आवश्यकता है।

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