नोएडा : मायावती के मुख्यमंत्री रहते उनके भाई और भाभी पर बिल्डर ने की मेहरबानी, 46 प्रतिशत डिस्काउंट पर दिए 261 फ्लैट्स
1 min read-चुनाव से पहले कैग रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
-इंडियन एक्सप्रेस ने कैग रिपोर्ट पर आधारित न्यूज़ से राजनीतिक गलियारों में तूफान
-बिल्डर-नेताओं का नेक्सस आया सामने
-फ्लैट्स देने के बाद नोएडा प्राधिकरण ने भी बिल्डर को दी जमीन, कुल कमर्शल का 22 प्रतिशत लोजिक्स को आवंटन
नई दिल्ली, 15 जून।
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी से पूर्व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के भाई आनन्द और भाभी विचित्र लता से जुड़ी एक बड़ी खबर के खुलासे से राजनीतिक गलियारों में हड़कम्प मच गया है। कैग के आधार पर इंडियन एक्सप्रेस ने इस न्यूज़ का खुलासा किया है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मायावती के भाई आनंद व उनकी पत्नी विचित्र लता को नोएडा के एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में आवंटित फ्लैटों में सस्ती दरों पर 261 फ्लैट दिए गए थे। उसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने भी बिल्डर को प्रोजेक्ट पर जमीन दी। खास बात यह है इसी दौर में लगभग 200 फार्म हाउस भी ऐसे ही नेक्सस को आवंटित किए गए थे।
मिली जानकारी के अनुसार 2007 में मायावती मुख्यमंत्री बनीं. तीन साल बाद मई 2010 में लॉजिक्स इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनी। जुलाई 2010 में कंपनी ने नोएडा में बन रहे अपने प्रोजेक्ट ब्लॉसम ग्रीन्स में मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी भाभी विचित्र लता को दो लाख वर्ग फ़ुट की जगह बेचने का समझौता किया। इसे 2,300 और 2,350 रुपये प्रति वर्ग फ़ुट के दाम पर बेचा गया. इस क़ीमत पर आनंद कुमार को ये संपत्ति 46.02 करोड़ रुपये में मिली जबकि विचित्र लता को ये 46.93 करोड़ रुपये में मिली।
इस समझौते के तीन महीने बाद उत्तर प्रदेश के सरकार के तहत आने वाली नोएडा ऑथोरिटी ने 22 टावर बनाने के लिए कंपनी को 24.74 एकड़ की ज़मीन लीज़ पर दी. ये ज़मीन ब्लॉसम ग्रीन्स नाम के कॉम्प्लैक्स में 22 टावर बनाने के लिए दी गई। फिर सितंबर 2012 से लेकर 22-23 तक कंपनी ने इस कॉम्पैक्स में बने कुल 2,538 फ्लैटों में से 2,329 फ्लैट बेचे।
कुल 8 टावर में बने 944 फ्लैट्स में से 848 में लोग रहने लगे हैं पर अब भी 14 टावर खाली पड़े हैं। ये टावर बनकर तैयार तो हैं, लेकिन इन्हें अब तक पज़ेशन लेटर नहीं मिल सका है।
अप्रैल 2016 में आनंद कुमार और विचित्र लता ने कथित रूप से एडवांस के तौर पर 28.24 करोड़ रुपये और 28.12 करोड़ रुपये कंपनी को चुकाए, जिसके एवज़ में उन्हें 135 और 126 फ्लैट आवंटित किए गए।
अप्रैल 2023 में आई ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि 2016-17 में जिस वक्त आनंद कुमार को 2,300 रुपये प्रति स्क्वायर फ़ुट के हिसाब से संपत्ति बेची गई, उस वक्त दूसरे खरीदारों को ये 4,350.85 रुपये प्रति स्क्वायर फ़ुट की दर से बेची गई।
आनंद कुमार के नाम पर आवंटित फ्लैटों में से 36 में अन्य लोग रह रहे हैं. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार इससे ये पता चलता है कि “फ्लैटों के आवंटन में या तो ग़लती हुई है या फिर धोखाधड़ी हुई है।
जबकि विचित्र लता के नाम पर आवंटित 125 फ्लैटों में से 24 में अन्य लोग रह रहे हैं। 2021 की कैग रिपोर्ट के अनुसार, 2005-18 के बीच नोएडा ऑथोरिटी द्वारा आवंटित हुई सभी कमर्शिल ज़मीन का 22% लॉजिक्स ग्रुप को दिया।
(यह न्यूज़ इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में 12 साल के रिकॉर्ड पर आधारित है।)
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