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गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर की पहल, काउंसिलिंग कर 3 हजार प्रकरणों में टूटते और बिखरते रिश्ते बचाए गए

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गौतमबुद्धनगर, 23 अप्रैल।

पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में डीसीपी महिला सुरक्षा व एडीसीपी महिला सुरक्षा के नेतृत्व में लगातार महिला सम्बन्धी पारिवारिक विवादों को कांउसलिंग के माध्यम से सुलझाते हुये टूटते परिवारों को बचाया जा रहा है । इस तरह से वर्ष 2023 में 3000 दर्ज प्रकरणों को काउंसिलिंग के जरिये निस्तारित कर बिखरती गृहस्थी को बचाया गया।

आवेदिका श्रीमती रूबी (काल्पनिक नाम) पत्नी ऋषभ (काल्पनिक नाम) निवासीगण गौतमबुद्धनगर द्वारा माह मार्च 2024 में एक प्रार्थना पत्र अपने पति ऋषभ (काल्पनिक नाम) व अन्य ससुरालीजनो के खिलाफ मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने ,अतिरिक्त दहेज की मांग करने ,मारपीट तथा गाली गलौज करने व घर से निकलने की धमकी देने, पति के द्वारा दोस्तों से परेशान कराने ,रात-रात भर घर न आने और अपने घर वालों को झूठे मुकदमे में फंसा देने आदि आरोपी के संबंध में महिला थाना पर दिया गया था। जिस पर प्रभारी निरीक्षक महिला थाना व उप निरीक्षक चंद्रभान सिंह द्वारा दोनों पक्षों को बुलाकर उनकी मध्यस्थता कराई गई काउंसलिंग के दौरान पति-पत्नी में घरेलू कामकाज को लेकर एवं आपसी वैचारिक मतभेद का होना पाया गया । दोनों पक्षों को प्रभारी निरीक्षक व उप निरीक्षक चंद्रभान सिंह द्वारा समझाया बुझाया गया व दोनों के मध्य आपसी वैचारिक मतभेद को समाप्त कराया गया । दोनों पति-पत्नी एक दूसरे के साथ रहने के लिए सहमत हो गए और दोनों ने आपसी सहमति से साथ-साथ रहने का समझौता स्वीकार किया । अब दोनों पति-पत्नी प्रेम पूर्वक साथ-साथ रह रहे हैं । अब दोनों के मध्य कोई मनमुटाव नहीं है । आवेदिका समझौते से पूर्ण रूप से संतुष्ट है और अपने प्रार्थना पर पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं चाहती है । सात बार की गयी कांउसलिंग के दौरान महिला थाने की टीम द्वारा किए गए प्रयासों से उनके परिवार को टूटने से बचाया जा सका।

इस प्रकार काउंसलिंग के दौरान उक्त दोनों पक्षों के बीच छोटी-मोटी घरेलू बातों को लेकर विवाद पाया गया तथा दोनों पक्षों व उनके परिजनों को बुलाकर वार्ता कराई गई समझाने बुझाने के उपरांत दोनों पक्षों में आपस में समझौता हो गया और सभी एक साथ रहकर दांपत्य जीवन व्यतीत करने पर सहमत हो गए और मध्यस्थता के सेशन में दोनों पक्षों में समझौता हुआ। इस प्रकार मध्यस्थता के जरिए उनकी टूटती हुई गृहस्थी को बिखरने से बचाया जा सका।
कई बार पारिवारिक वाद विवाद इतने बढ जाते हैं कि रिश्तों में कटुता आने लगती है तथा परिवार टूट जाते हैं। परंतु महिला एवं बाल सुरक्षा द्वारा चलाये जा रहे मिडिएशन व काउंसलिंग सेंटर में रिश्तों में आये मतभेदो को दूर करवाते हुये परिवारों को जोडने का प्रयास किया जाता रहा है। वर्ष 2023 में लगभग 3000 दर्ज प्रकरणों का मिडिएशन/समझौते के आधार पर निस्तारण कराया गया है।
इस प्रकरण में भी महिला सहायता प्रकोष्ठ पर नियुक्त पुलिस कर्मियों द्वारा मध्यस्थता के जरिए टूटते हुए परिवार को बिखरने से बचाया गया। भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यवाही जारी रहेगी।

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