नोएडा।(नोएडा खबर डॉट कॉम)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा 11 की छात्रा संजना चौहान द्वारा स्थापित संस्था ‘दृष्टि’ ने मिलकर एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा में ‘विज़न हेल्थ चैंपियंस – किशोर नेत्र देखभाल के लिए युवा राजदूतों का सशक्तिकरण’ नामक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत में किशोरों के नेत्र स्वास्थ्य से जुड़ी बढ़ती समस्याओं, खासकर मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) की चिंताजनक वृद्धि को संबोधित करना था।
सम्मेलन का उद्घाटन डब्ल्यूएचओ के एनसीडी और कमोरबिडिटीज टीम लीड डॉ. युतारो सेतोया, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के गैर-संचारी रोग प्रभाग के प्रमुख डॉ. आर.एस. धालीवाल, ‘दृष्टि’ की संस्थापक संजना चौहान, एमिटी स्कूल समूह की चेयरपर्सन डॉ. अमिता चौहान और सीबीएसई के निदेशक (संबद्धता) जय प्रकाश चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से किया।
डॉ. युतारो सेतोया ने कहा, “दृष्टि समस्याएं वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं, जो शिक्षा, आर्थिक उत्पादकता और समग्र कल्याण पर असर डालती हैं। 800 मिलियन से अधिक लोग दृष्टि समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिनमें से कई को नेत्र देखभाल की सुविधा नहीं मिल पाती। डब्ल्यूएचओ की ‘ग्लोबल स्पेक्स 2030’ पहल में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है। संजना चौहान जैसे युवा राजदूत परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण हैं।
”डॉ. आर.एस. धालीवाल ने किशोरों में बढ़ती दृष्टि और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर जोर देते हुए कहा, “तकनीक का अत्यधिक उपयोग और सामाजिक मेलजोल की कमी इन समस्याओं का कारण बन रही है। बच्चों को सामाजिक कौशल विकसित करने और अपनी समस्याएं साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है।”संजना चौहान ने अपने संबोधन में कहा, “बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं, और उनकी आंखों की रोशनी की अनदेखी करना दुखद है। 70 लाख बच्चे कम दृष्टि और 10 लाख अपवर्तक त्रुटियों से पीड़ित हैं, जिन्हें समय पर पहचान कर ठीक किया जा सकता है। ‘दृष्टि’ ने अब तक 78,000 से अधिक बच्चों को मुफ्त चश्मे प्रदान किए हैं और वंचित समुदायों तक नेत्र देखभाल पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
”डॉ. अमिता चौहान ने कहा, “एमिटी समाज को सशक्त बनाने और वंचित वर्गों के लिए काम करने में विश्वास रखता है। संजना की पहल इस दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।” सीबीएसई निदेशक जय प्रकाश चतुर्वेदी ने भी संजना की पहल की सराहना की और छात्रों से सामुदायिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया।
सम्मेलन में वैश्विक और क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य पर तकनीकी सत्र, युवा राजदूत प्रशिक्षण, स्कूलों में नवीन नेत्र देखभाल पहल और ‘दृष्टि’ की उपलब्धियों के दस्तावेजीकरण सत्र आयोजित किए गए। संजना चौहान की अध्यक्षता में हुए दस्तावेजीकरण सत्र में संगठन के नेत्र देखभाल शिविरों और 78,000 बच्चों को मुफ्त चश्मे प्रदान करने जैसे प्रयासों को प्रदर्शित किया गया।