नोएडा। (नोएडा खबर डॉट कॉम)
गौतमबुद्ध नगर सिटीजन फोरम ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और यमुना विकास औद्योगिक प्राधिकरण में कार्यरत अधिकारियों के लंबे कार्यकाल को लेकर सवाल उठाया है। फोरम के चेयरमैन मनीष शर्मा ने मांग की है कि शासन की नीति, जिसमें एक अधिकारी को एक जनपद में 3 वर्ष से अधिक नहीं रहने का प्रावधान है, को सख्ती से लागू किया जाए।
मनीष शर्मा ने कहा कि कोई संदेह नहीं है कि गौतमबुद्ध नगर, विशेष रूप से नोएडा, आज उत्तर प्रदेश के सबसे उत्कृष्ट शहरों में से एक है। दिल्ली-एनसीआर में नोएडा की पहचान प्रथम पंक्ति के शहर के रूप में है। हम इसके लिए प्रशासन और प्राधिकरणों के प्रति आभार प्रकट करते हैं। लेकिन, साथ ही यह अपेक्षा भी है कि शासन की स्थानांतरण नीति का पालन गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और यमुना विकास औद्योगिक प्राधिकरण में सुनिश्चित किया जाए।
स्थानांतरण नीति पर जोर
शर्मा ने बताया कि शासन की नीति के अनुसार, किसी भी अधिकारी को एक जनपद में सामान्य परिस्थितियों में 3 वर्ष से अधिक नहीं रहना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि तीनों प्राधिकरणों में कार्यरत उन सभी अधिकारियों की सूची का अवलोकन किया जाए, जिनका कार्यकाल 3 वर्ष से अधिक हो चुका है। उन्होंने मांग की कि विशेष परिस्थितियों में अपवाद को छोड़कर, ऐसे अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाए।
उन्होंने सुझाव दिया कि यदि किसी अधिकारी को अपवाद के रूप में छूट दी जानी है, तो उस पर विचार केवल मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के स्तर पर ही किया जाए। शर्मा ने जोर देकर कहा, “हमारा अनुरोध है कि बिना किसी पक्षपात या अन्य कारणों के, शासन की इस नीति का अनुसरण गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों में निष्पक्ष रूप से लागू किया जाए।
नागरिकों की अपेक्षा
गौतमबुद्ध नगर सिटीजन फोरम ने इस मांग को क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उठाया है। मनीष शर्मा ने कहा, “नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों की प्रगति में अधिकारियों की भूमिका अहम है, लेकिन लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहने से कार्यप्रणाली में एकरूपता आ सकती है। स्थानांतरण नीति का पालन न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा, बल्कि नए विचारों और ऊर्जा को भी प्रोत्साहन देगा।