नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) डॉ. लोकेश एम ने जनहित से जुड़े मामलों में लापरवाही बरतने वालों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का कड़ा संदेश दिया है। IGRS (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) के तहत आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में लगातार अनदेखी करने पर प्राधिकरण ने 8 वरिष्ठ अधिकारियों एवं विभागाध्यक्षों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है।
- श्री क्रांति शेखर सिंह, विशेष कार्याधिकारी (ग्रुप हाउसिंग)
- श्री अरविन्द कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी (भूलेख)
- श्री ए.के. अरोड़ा, महाप्रबंधक (सिविल)
- श्री एस.पी. सिंह, महाप्रबंधक (सिविल)
- श्री आर.पी. सिंह, महाप्रबंधक (जल)
- श्रीमती मीना भार्गव, महाप्रबंधक (नियोजन)
- श्रीमती प्रिया सिंह, सहायक महाप्रबंधक (औद्योगिक)
- श्री संजीव कुमार बेदी, सहायक महाप्रबंधक (आवासीय भूखंड)
CEO डॉ. लोकेश एम ने अधिकारियों की बैठक में साफ कहा कि “जनता की शिकायतें हमारी प्राथमिकता हैं। बार-बार याद दिलाने के बाद भी यदि अधिकारी जिम्मेदारी से काम नहीं करेंगे तो ऐसे कड़े फैसले लिए जाते रहेंगे।” उन्होंने सभी विभागों को चेतावनी दी है कि लंबित IGRS मामलों का शत-प्रतिशत और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण तुरंत सुनिश्चित किया जाए, वरना और सख्त कार्रवाई होगी।नोएडा प्राधिकरण के इस कदम को जनता के बीच सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। निवासियों का कहना है कि लंबे समय से ग्रुप हाउसिंग, भूलेख, जलापूर्ति और भूखंड आवंटन जैसी समस्याओं की शिकायतें अनसुनी हो रही थीं। CEO के इस सख्त रुख से अब अधिकारियों में जवाबदेही बढ़ेगी और शिकायतों का तेजी से निस्तारण होगा।प्राधिकरण ने सभी लंबित IGRS मामलों को 15 दिन के अंदर निस्तारित करने का टारगेट भी निर्धारित किया है। साथ ही, हर सप्ताह CEO स्तर पर इनकी व्यक्तिगत समीक्षा की जाएगी।जनहित में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए डॉ. लोकेश एम का यह कदम नोएडा प्राधिकरण के इतिहास में एक मिसाल बन गया है।
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