योगी सरकार यूपी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएगी,वन ट्रिलियन इकोनामी पर 36 से 48 घण्टे होगी चर्चा
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अक्टूबर या नवंबर में हो सकता है विशेष सत्र, 36 से 48 घंटे लगातार चलेगा सत्र
-महिला विधायकों के विशेष सत्र के बाद फिर इतिहास रचेगी योगी सरकार
-पहली बार किसी एक खास मुद्दे को लेकर बुलाया जाएगा विधानसभा का विशेष सत्र
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर।
मुख्यमंत्री के तौर पर कई मिथक तोड़ चुके योगी आदित्यनाथ नए तौर-तरीकों को आजमाने से कभी पीछे नहीं हटते। उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल पूरे देश में नजीर बनता जा रहा है। हाल ही में मानसून सत्र के दौरान उन्होंने पहली बार महिला विधायकों के लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर इतिहास रचा था तो अब वह वन ट्रिलियन इकॉनमी को लेकर एक विशेष सत्र का आयोजन करने जा रहे हैं। 36 से 48 घंटे का यह विशेष सत्र अक्टूबर-नवंबर में बुलाया जा सकता है। इस सत्र में सिर्फ वन ट्रिलियन इकॉनमी को लेकर चर्चा होगी। सभी सदस्य इस पर अपनी बात रखेंगे। किसी खास मुद्दे को लेकर यह अपनी तरह का पहला विशेष सत्र होगा। इस सत्र की वीडियो रिकॉर्डिंग और दस्तावेज को देश की सभी विधानसभाओं में भेजा जाएगा। साथ ही इसे सभी जगह संरक्षित भी किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ी तक इस संदेश को प्रसारित किया जा सके।
सस्टेनेबल डेवलपमेंट बोर्ड की तर्ज पर हो चर्चा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर पूरे देश में पहली बार महिला विधायकों के लिए मानसून सत्र में एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था, जिसमें सिर्फ महिलाओं ने अपने मुद्दे से विधानसभा अध्यक्ष को अवगत कराया था। इसकी गूंज देश ही नहीं विदेशों में भी सुनाई दी थी। इसकी सफलता के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में सरकार की ओर से क्या कदम उठाए जा रहे हैं इसकी चर्चा विधानमंडल में हो ताकि सभी सदस्य इस पर अपनी बात रख सकें। साथ ही अपने क्षेत्र में वन ट्रिलियन इकॉनमी को लेकर क्या विकास कार्य हो रहे हैं या आगे की क्या कार्ययोजना तैयार की जा रही है, इस पर चर्चा हो सके। इसके लिए उन्होंने विधान परिषद के नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य को सभी सदस्यों के साथ बैठकर कार्ययोजना तैयार करने का कहा है। सीएम योगी का कहना है कि जिस तरह विधान मंडल में सस्टेनेबल डेवलपमेंट बोर्ड को लेकर सभी सदस्यों ने चर्चा की थी, जिसकी धूम देश ही नहीं विदेशों तक और यूएन तक हुई थी। सदन में हुई इस चर्चा को यूएन ने काफी सराहा था। इसी तर्ज पर वन ट्रिलियन इकॉनमी को लेकर सदन में 36 से 48 घंटे लगातार चर्चा होनी चाहिये। इससे देश ही नहीं विदेशों को भी यह जानकारी मिलेगी कि उत्तर प्रदेश में वन ट्रिलियन इकॉनमी को लेकर किस स्तर पर प्रयास हो रहे हैं।
देश के सभी विधानसभाओं में भेजे जाएंगे दस्तावेज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि सदन में सदस्य अपनी विधानसभा क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों के साथ प्रयास के बारे में सदन को अवगत कराएं क्योंकि यह भी प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने का एक जरिया है। सीएम योगी ने कहा कि उदाहरण के तौर पर अपने इलाके में शिक्षा के क्षेत्र में इंस्टीट्यूट का निर्माण हो चाहे वह आपके द्वारा हो या निजी क्षेत्र द्वारा किया जा रहा है, यह भी इकॉनमी को बल देता है। साथ ही निवेश का माध्यम बनता है। वहीं इंस्टीट्यूट यहां पर रोजगार सृजन का माध्यम बनते हैं। सीएम योगी का कहना है कि इस पर ही सदन में खासकर सत्ताधारी और उससे जुड़े सहयोगी दल के सदस्य ज्यादा से ज्यादा अपनी बात रखें ताकि यह पता चल सके कि एक इंस्टीट्यूट के निर्माण से वहां की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ा है। सीएम योगी चाहते हैं कि सदन की इस कार्यवाही के दस्तावेजों को देश की सभी विधानसभाओं को भेजा जाए और उनकी लाइब्रेरी में इस दस्तावेज को सुरक्षित रखा जाए ताकि सभी यह जान सकें कि उत्तर प्रदेश में वन ट्रिलियन इकॉनमी को लेकर क्या कार्य हो रहे हैं।
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