सीईओ नोएडा ने की ऑनलाइन शिकायतों की समीक्षा, मिला आपत्तियों का अंबार, दी अफसरों को वार्निंग
1 min readनोएडा, 10 अक्टूबर।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी द्वारा सोमवार को प्राधिकरण के परिसंपत्ति विभागों हेतु कार्यशील PIMS सॉफ्टवेयर पर ऑलाइन प्राप्त होने वाले आवेदनों के निस्तारण की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान सीईओ ने निम्नानुसार कार्यवाही हेतु निर्देश दिये।
1. सभी माध्यमों से प्राप्त होने वाले आवेदनों, विशेषतः निवेश मित्र पोर्टल से प्राप्त होने वाले आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण समयानुसार निस्तारण किये जाने हेतु विभागीय स्तर पर प्रतिदिन के आधार पर मॉनीटरिंग किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
2. महोदया द्वारा प्राप्त आवेदनों पर अनावश्यक आपत्तियाँ लगाये जाने पर रोष प्रकट करते हुये नियोजन (अधिभोग प्रमाण पत्र सेवा के अंतर्गत) एवं संस्थागत लेखा विभाग में अन्य विभागों की तुलना में अत्याधिक संख्या में आपत्तियों लगाये जाने पर चेतावनी दी गई कि यदि भविष्य में किसी भी विभाग द्वारा आवेदनों पर अनुचित आपत्तियों लगाई जाती हैं तो उसका प्रतिकूल संज्ञान लिया जायेगा। उक्त के अतिरिक्त नियोजन एवं संस्थागत लेखा विभाग द्वारा आवेदनों पर अधिक संख्या में आपत्तियों का संज्ञान लेते हुये निर्देशित किया गया कि
• संबंधित अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी को संस्थागत लेखा के आवेदनों पर लगाई गई विभागीय आपत्तियों / टिप्पणी की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु कहा गया।।
• संबंधित अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय को नियोजन विभाग द्वारा अधिभोग प्रमाण पत्र सेवा हेतु प्राप्त आवेदनों पर लगाई गई लगभग 450 विभागीय आपत्तियों / टिप्पणी की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु कहा गया।
3. आवेदनों के निस्तारण में पारदर्शिता लाये जाने हेतु महोदया द्वारा पुन निर्देशित किया गया परिसंपत्ति सेवाओं से संबंधित समस्त आवेदन मात्र ऑनलाइन प्राप्त किये जायें। तथा सचेत किया गया कि ऑफलाइन आवेदन स्वीकर करने के प्रकरण संज्ञानित होने पर संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।
4. पट्टा निष्पादन / उप पट्टा निष्पादन के प्रकरणों हेतु निर्देश दिये गये कि सभी विभाग जन सुविधा केन्द्र के माध्यम से ही आवंटियों से आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण करायें। इस कार्य हेतु सभी विभाग अपने प्रबंधक / सहायक स्तर के अधिकारी / कर्मचारी को नामित कर उनकी तैनाती जन सुविधा केन्द्र में सुनिश्चित करेंगे। संबंधित विभागाध्यक्ष का दायित्व है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी सेवायें ससमय निर्गत की जाये जिससे आवंटियों को अनावश्यक प्राधिकरण में न आना पड़े।
5. अनावश्यक / अनाधिकृत व्यक्तियों को चिन्हित करने हेतु विगत एक माह में स्वागत कक्ष द्वारा निर्गत किये Entry Pass की सूची उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही सुरक्षा के दृष्टिगत नियमित आवागमन के ऐसे स्थल जो वर्तमान सी०सीटी०वी कवरेज में कवर नही होते उन्हें सी०सी०टी०वी० मॉनिटरिंग में सम्मिलित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
6. सेवाएं ऑनलाइन किये जाने एवं इनके सुधार हेतु निरंतर प्रयासरत होने के उपरांत भी प्राधिकरण परिसर में आवेदकों / आवंटियों के आवागमन में कमी न होने पर रोष प्रकट किया गया। उनके द्वारा पुनः निर्देशित किया गया कि सभी विभागों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी सेवा अथवा समस्या के निराकरण हेतु प्राधिकरण में प्रवेश करने वाले आगंतुक संबंधित विशेष कार्याधिकारी अथवा संबंधित सहायक महाप्रबंधक से ही प्रत्यक्ष / व्यक्तिगत रूप से मिलें।
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