नोएडा सेक्टर 44 में सीताराम विवाहोत्सव का आयोजन, त्रेता युग मे राम-सीता परिणय सूत्र में बंधे थे
1 min readनोएडा, 13 नवम्बर।
तुलसी सहचरी मिथिला धाम” कार्तिक कुंज अपार्टमेंट, नोएडा मे रविवार को दिव्य श्री सीताराम विवाहोत्सव के उपलक्ष्य में सुबह श्रीराम जी की बारात निकाली गई व जगह जगह परिक्रमा मार्ग मे श्रीराम जी की बारात का भव्य स्वागत किया गया व सेक्टर 44 में परिक्रमा के पश्चात् वापस तुलसी सहचरी मिथिलाधाम कार्तिक-कुंज पहुंची
संग मधुर स्वर गुंजन :- सिया सहचरी तुलसी दीदी श्री सीताराम विवाह महोत्सव शाम 4 बजे से देर रात तक नोएडा सैक्टर 44 कार्तिक कुंज के बंगल में बारात घर मे दिव्य श्री सीताराम विवाह महोत्सव का रसोपान श्रद्धालु व श्रीजनो ने इस उत्सव में पधारकर अपना जीवन धन्य किया / जीवन में ऐसा अवसर बार- बार नही मिलता। यह सब सद्गुरुकृपा, सन्त समाज से ही संभव होता है /
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी जो कि हमारी भारतीय संस्कृति में विवाह पंचमी के नाम से जानी जाती है इस पुण्यतिथि को भगवान श्री राम का माता जानकी जी के साथ आज से बहुत लाखों वर्ष पूर्व त्रेता युग में पाणिग्रहण संपन्न हुआ था और इस परंपरा को हमारे आचार्यों और हमारे संतो ने जैसा कि श्री रामचरितमानस जी के अयोध्या कांड में गोस्वामी तुलसीदास जी ने बहुत ही सुंदर इस विवाह का वर्णन भी किया है और इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पूज्या श्री तुलसी दीदी जी के द्वारा सेक्टर 44 बारात घर में सनातन धर्मानुसार रीति-रिवाजों के साथ सम्पूर्ण लीला रूप से भव्य आयोजन किया गया
अयोध्या से संतों का आगमन – श्री रामबल्लभाकुंज पीठाधीश्वर पूज्य श्री राम शंकर दास ‘वेदांती’ जी महाराज, परम पूज्य जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज एवं परम पूज्य श्री स्वामी शरण जी महाराज युवराज पूज्य राम रोशन दासजी( जानकी महल जनकपुर धाम), श्रद्धेय भैया श्री पुनीत जी (भक्तमाली), पूज्य बब्बू भैया, पूज्य वरुणेश मैया, पूज्य नरेश भैया, पूज्य नवनीत भैया, श्रीशैलेंद्र चौधरी(शालिग्राम जी), श्री सुधीर कुमार गुप्ता ,जगत बिष्ट,संदीप शर्मा, श्री एस डी सिंह,श्री राजेश गुप्ता जी, गौसेवी ललित भैया,मनीष गुप्ता, राहुल गुप्ता जी , आलोक मिश्रा हर्ष कंसल, हिमांशु कंसल, मुकुट जी साक्षी दीदी, राम भैया अवधेश भैया,मुकुल भैया, सिया राम भैया , अशोक भैया,मंगल भैया,प्रशांत भैया जी और सभी शराती गण बरातियों की विवाहोत्सव में उपस्थिति रही।
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