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एमएसएमई ने सीईओ नोएडा को लिखी चिट्ठी, नोएडा में श्रमिकों के आवास की समस्या पर ध्यान दिया जाए

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नोएडा, 20 अप्रैल।

तीन साल पहले कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान नोएडा से श्रमिकों का जाना उद्योगों के लिए एक बड़ा संकट था। श्रमिकों की कमी ने 25 हजार उद्योगों की कमर तोड़कर रख दी थी। सालभर तक जनपद में औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन प्रभावित रहा था। प्राधिकरण ने सेक्टर-122 में श्रमिकों के आवास की योजना भी बनाई थी, लेकिन इस योजना पर काम नहीं किया।

एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा की तरफ से लगातार श्रमिकों के आशियाने का इंतजाम करने की मांग नोएडा प्राधिकरण के समक्ष उठाई जाती रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र नाहटा ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना के मामलों में इजाफा होने पर एक बार फिर उद्यमियों की चिंता बढ़ गई है। चिंता के साथ-साथ नाराजगी इस बात को लेकर है कि तीन साल बाद भी पुरानी गलतियों से कोई सबक नहीं लिया गया। श्रमिकों के आवास की शहर में कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

नोएडा प्राधिकरण सेक्टर-151ए में 113 एकड़ जमीन पर 100 करोड़ रुपये खर्च करके गोल्फ कोर्स बनाने की तैयारी कर रहा है। गोल्फ कोर्स की जगह औद्योगिक शहर में श्रमिकों के लिए आवास बनाए जाने की जरूरत है। सेक्टर-38 में पहले से ही एक गोल्फ क्लब चल रहा है। ऐसी स्थिति में सेक्टर-151ए में नया गोल्फ कोर्स बनाने से ज्यादा औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की ओर कदम उठाया जाना चाहिए। सेक्टर-1,3,5,18 और 38ए बॉटेनिकल गार्डन में 1050 करोड़ रुपया खर्च कर भूमिगत और मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण किया गया है, जिनका कोई खास फायदा नहीं मिल रहा है। ऐसी योजनाएं बनाने से पहले नोएडा प्राधिकरण को श्रमिकों के आवास से जुड़ी बड़ी समस्या को दूर करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए, ताकि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का सरकार का सपना पूरा किया जा सके। गोल्फ कोर्स के स्थान पर छोटे औद्योगिक भूखंडों की योजना लाई जानी चाहिए। इससे रोजगार के अवसर बढऩे के साथ सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के लिए एक कमरे के फ्लैट की योजना लाने की जरूरत है।

कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। श्रमिकों के पलायन की समस्या फिर से उद्योगों के सामने संकट ना खड़ा कर दे, इससे निपटने के लिए श्रमिकों को सस्ती दरों पर आशियानें उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

पिछले दो वर्षों में सेक्टर-4,5,6,7,8, 9 व 10 में कोरोना का हॉट स्पॉट बनी झुग्गियों के कारण हजारों उद्योगों को लंबे समय तक पाबंदियों की मार झेलनी पड़ी थी। स्लम क्षेत्र को उद्योगो से अलग किया जाए।

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