नोएडा : नौकरीडॉटकॉम के नाम से फर्जी लेटर देकर बेरोजगारों के साथ करते थे ठगी, 4 शातिर गिरफ्तार
1 min readनोएडा, 4 मई।
थाना सेक्टर 63, नोएडा पुलिस ने कॉल सेंटर के जरिए नामी कम्पनी में नौकरी दिलाने का षडयंत्र रचकर, नौकरी डॉट कॉम का फर्जी लेटर देते हुए बेरोजगार युवक-युवतियों को लाखों रूपयों का चूना लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार किये गए हैं। उनके कब्जे से लेपटॉप, मोबाइल फोन (भिन्न-भिन्न कम्पनी के), डैस्कटॉप मय की बोर्ड माउस, जैसी इलेक्ट्रानिक डिवाइस, 27 हजार रुपये नगद व के-10 ऑल्टो कार बरामद किये गए हैं।
डीसीपी सेंट्रल नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि 2 मई 2023 को सुनील पुत्र त्रिलोकी चन्द निवासी बहलोलपुर थाना सेक्टर 63, नोएडा ने 1-अभिषेक 2-आलोक व उनके अन्य साथियों द्वारा अपने साथ नामी कम्पनी में नौकरी दिलाने के नाम पर नौकरी डॉट कॉम का फर्जी लेटर देकर 67,000/रूपये ठग लेने के सम्बन्ध में थाना सैक्टर 63, नोएडा पर एक प्रार्थना पत्र दिया। जिसके सम्बन्ध में थाना सेक्टर 63, नोएडा पर मु0अ0स0 201/2023 धारा 420/467/468/471/406/34 भादवि बनाम 1-अभिषेक 2-आलोक व उनके अन्य साथियों के विरुद्ध पंजीकृत किया गया।
पुलिस ने कार्यवाही करते हुए 3 मई 2023 को थाना सेक्टर 63, नोएडा पुलिस ने 1-आलोक उम्र 32 वर्ष पुत्र राजपाल 2-सतीश सिंह उम्र 32 वर्ष पुत्र फतेह बहादुर सिंह 3-उमेश उम्र 20 वर्ष पुत्र तोफाराम 4-अभिषेक उम्र 23 वर्ष पुत्र लोकेंद्र सिंह को बी-86 सेक्टर 60, नोएडा से कॉल सेंटर में प्रयोग किये गये उपकरण एवं 27,000/रूपये नगद व के-10 ऑल्टो कार नं0 एचआर 26 सीटी 5537 सहित गिरफ्तार किया गया।
पुलिस कार्यवाही
डीसीपी ने बताया कि धोखाधडी जैसी उक्त घटना को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल थाना सेक्टर 63 पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया तथा जांच शुरू करते हए प्रभारी निरीक्षक थाना सैक्टर 63, नोएडा के नेतृत्व में टीम गठित की गयी। विवेचक उ0नि0 श्री जितेन्द्र बालियान ने वादी की सूचना पर उसके बताये गये स्थान बी-86 सैक्टर 60, नोएडा पर छापेमारी की गयी तो अन्दर बने अलग-अलग कैबिन में चार व्यक्ति बैठे मिले, जो डैस्कटॉप, मोबाईल फोन व वॉकी-टॉकी से काम कर रहे थे कि उनसे मुकदमा उक्त के वादी के साथ की गयी धोखाधडी के सम्बन्ध जानकारी की गयी तो उनके द्वारा धोखाधडी का किया जाना स्वीकार किया गया। कॉल सेंटर का सरगना आलोक धोखाधडी के मामलें में पूर्व में भी थाना साइबर क्राइम चड़ीगढ से जेल जा चुका है।
अपराध करने का तरीका-
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि गैंग के सरगना आलोक ने एक विश्वविद्यालय से बीसीए की पढ़ाई की हुई है। जल्द रुपये कमाने के चक्कर में उसने फर्जी कॉल सेंटर खोला, जिसमें उसने अपने साथ कुछ साथियों को पैसे का लालच देकर काम करने के लिए रखा, जो बेरोजगार युवक-युवतियों को फोन करने के लिए जॉब पोर्टल से डाटा चोरी करके उनके बारें में जानकारी इकट्ठा करते थे। इसके बाद उनके मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क कर उनके जॉब प्रोफाइल एवं शैक्षिक योग्यता के मुताबिक नामी कम्पनी में नौकरी दिलाने का नाटक रचते थे। इसके बाद नौकरी पाने के इच्छुक युवक-युवतियों से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 1900/रुपये, प्रोसेसिंग फीस आ जाने के बाद वेरिफिकेशन और रिज्यूम अपडेट करने के नाम पर और रुपये अपने खाते में डलवा लेते थे तथा फर्जी नौकरी डॉट कॉम की रिसीप्ट तैयार कर बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी रिसीप्ट दे देते थें। यह लोग किसी को भी नौकरी नहीं देते थे। ठगी का पैसा इन अभियुक्तगण द्वारा अपने संचालित फर्जी अकाउंट नंबरों में लिया जाता था। जो 27000/रूपये मिले हैं वह भी युवक-युवतियों के साथ की गयी ठगी का ही पैसा है।
कॉल सेंटर के सरगना आलोक ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि अब तक वह अपने साथियों के साथ मिलकर नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 100-200 लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी कर चुके हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ये लोग करीब 05 माह से फर्जी कॉल सेंटर खोलकर ठगी कर रहे थे। पुलिस की नजर में ये फर्जी नौकरी लगवाने वाला कॉल सेंटर न आए इसलिए ये लोग समय-समय पर अपना ऑफिस बदल लेते थे। इन लोगों ने इसके लिए एक दो स्थान भी बदला है। स्थानीय पुलिस अन्य माध्यम का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इनके द्वारा कितने लोगों के साथ ठगी की गयी है तथा कितनी जगह कॉल सेंटर संचालित किया गया है। इसी क्रम मेें अन्य जिलों में भी जालसाजों के आपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जा रहा है।
शिक्षा के अनुसार तय था कम्पनी में नौकरी का रेट
कॉल सेंटर के सरगना आलोक ने बताया कि वह कॉल सेंटर पर बेरोजगारों युवक-युवतियों से उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार नामी कम्पनी मे नौकरी दिलाने के नाम पर रकम ऐंठते थे, जिनका हजार रुपए से लेकर लाखों रुपए तक रेट तय कर रखा था। जैसी नौकरी वैसा ही रेट लेते थे।
अभियुक्तों का विवरणः
1-आलोक पुत्र राजपाल सिहं निवासी ग्राम ब्रह्माबाद थाना सैदनंगली, जनपद अमरोहा हाल पता-फ्लैट न-801, टावर न.ए-2, पंचशील एकमूर्ती थाना बिसरख, नोएडा
2-सतीश सिंह पुत्र फतेह बहादुर सिंह निवासी ग्राम अग्रसंडा थाना फिफना, जनदप बलिया हालपता सी-9 फ्लैट नंबर 104 सुपरटेक इको विलेज-2 थाना बिसरख, नोएडा
3-उमेश पुत्र तोफाराम निवासी मूल पता ग्राम शिकारपुर थाना शिकारपुर जिला बुलंदशहर हालपता-सलारपुर सेक्टर 101 थाना सेक्टर 39 नोएडा
4-अभिषेक पुत्र लोकेंद्र सिंह निवासी दरियापुर थाना सिंभावली, जनपद हापुड हाल पता गली नंबर 7 मकान नंबर 86ं दीपक विहार खोड़ा कॉलोनी थाना खोडा, गाजियाबाद
बरामदगी का विवरण-
1- 01 लेपटॉप
2- 06 मोबाईल फोन (भिन्न-भिन्न कम्पनी के)
3- 10 डैस्कटॉप मय कीबोर्ड माउस
4- 08 वॉकी-टॉकी मय सिमकार्ड
5- 06 फर्जी रिसीप्ट
6- के-10 ऑल्टो कार नं0 एचआर 26 सीटी 5537
7- ठगी के 27 हजार रुपये नगद।
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