नोएडा खबर

खबर सच के साथ

ग्रेटर नोएडा : किसान सभा के 15 मई की महापंचायत में 40 गांवों के किसान हिस्सा लेंगे, दिल्ली में पहलवानों के आंदोलन को भी समर्थन

1 min read

ग्रेटर नोएडा, 12 मई।

अखिल भारतीय किसान सभा की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के सामने चल रहे रात दिन महापड़ाव के 18वे दिन ने घोषणा की है कि 15 मई को 40 गांव के किसान हिस्सा लेंगे। किसान सभा ने सवाल किया है कि 2014 के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहरी क्षेत्र में कई बार सर्किल रेट बढ़ायेजबकि ग्रामीण क्षेत्र के अंदर जमीन के सर्किल रेट पिछले 8 साल में एक बार भी क्यों नही बढ़ाये ? किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रूपेश वर्मा ने दिल्ली में चल रहे पहलवानों के धरने के भी समर्थन की घोषणा की है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दे मीडिया के साथ शेयर किए हैं।

1. 7 फरवरी को किसान सभा के नेतृत्व में प्राधिकरण के विरुद्ध आंदोलन की शुरुआत हुई थी जिस के क्रम में 14 मार्च, 23 मार्च को आंदोलन हुआ 23 मार्च के आंदोलन के बाद 25 अप्रैल से रात दिन के महापड़ाव की घोषणा की गई 25 अप्रैल को डेढ़ हजार की संख्या में किसान प्राधिकरण पर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे जिस के क्रम में सीईओ से बातचीत भी हुई परंतु किसी भी मसले पर कोई सहमति नहीं बन सकी लिहाजा किसानों ने घोषणा के अनुसार अपने रात दिन के महापड़ाव की शुरुआत कर दी 2 मई के बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी जिसमें 3.50 हजार की संख्या में किसान प्राधिकरण को घेरने पहुंचे 2 मई को पुनः वार्ता हुई जिन मसलों पर प्राधिकरण अधिकारी जरा भी चर्चा करने के लिए तैयार नहीं थे 2 मई को किसानों की बड़ी संख्या देखकर चर्चा के लिए तैयार हुए परंतु प्राधिकरण अधिकारियों की नीयत मुद्दों को हल करने के बाबत नहीं बनी है प्राधिकरण अधिकारियों की कोशिश रही कि किसानों को आश्वासन के आधार पर धरना समाप्त करने के लिए राजी कर लिया जाए परंतु किसान प्राधिकरण की इस चाल को बखूबी समझते हैं और सालों से इस प्रैक्टिस को देखते आए हैं इसलिए पुनः किसान सभा ने अपने महापड़ाव को और आगे बढ़ाते हुए 8 मई को हजारों की संख्या में शांतिपूर्ण जुलूस निकाला जिसे दबाने के मकसद से बेवजह पुलिस अधिकारियों ने किसानों के विरुद्ध एफ आई आर बीटा थाने में दर्ज की है इस संबंध में किसान सभा ने निर्णय लिया है कि गौतम बुध नगर के प्रशासन द्वारा धारा 144 का दुरुपयोग करने एवं लोगों के शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के संवैधानिक अधिकार को दबाने के मकसद से की गई एफ आई आर को माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद में चुनौती दी जाएगी।
2. किसानों का सबसे प्रथम मुद्दा गजराज सिंह बनाम राज्य एवं अन्य में हाईकोर्ट के फैसले हाईकोर्ट के फैसले के संदर्भ में ठाकुर जयवीर सिंह के अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिश हैं सिफारिशों में 64% मुआवजा और 10% आबादी प्लॉट सभी प्रभावित किसानों को देने की बात कही गई है 64% मुआवजे की सिफारिश को प्राधिकरण ने अपनी 91 वीं बोर्ड बैठक में पास कर दिया एवं 10% आबादी प्लाट के संबंध में किसानों से वादा करते हुए कहा कि आप हाईकोर्ट न जाएं आपको 10% का लाभ प्राधिकरण के स्तर पर दिया जाएगा एवं 64% मुआवजा उठाते समय किसानों से गजराज सिंह के फैसले के बाबत संतुष्ट होने का शपथ पत्र भी ले लिया गया जिससे किसान 10% आबादी प्लाट के लिए हाईकोर्ट भी नहीं जा सके इस तरह प्राधिकरण ने किसानों के साथ न केवल वादाखिलाफी की है बल्कि उन्हें झूठा आश्वासन देकर हाई कोर्ट जाने के उनके अधिकार से भी उन्हें वंचित कर दिया है यह एक तरह से धोखाधड़ी की हद तक पहुंचता है इस बात से प्राधिकरण क्षेत्र के प्रभावित किसान अत्यधिक आक्रोशित हैं।
3. नई भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा एवं शहरी क्षेत्र में 2 गुना मुआवजा देने का प्रावधान है कानून में जिस प्रोजेक्ट के लिए जिन लोगों की भी जमीन ली जाएगी उन्हें प्रोजेक्ट अफेक्टेड फैमिलीज कहा गया है और सभी को एक समान लाभ की बात की गई है परंतु प्राधिकरण ने कानून का उल्लंघन करते हुए क्षेत्र में ग्राम पंचायतों को समाप्त करा दिया जिससे कि जिन गांवों में जमीन की खरीद हो रही है वह शहरी क्षेत्र में परिभाषित हो जाए प्राधिकरण ने अपनी आवंटन दरों में 2014 के बाद से कई बार बढ़ोतरी कर ली है इसी तरह डीएम के स्तर पर होने वाले सर्किल रेट में भी शहरी क्षेत्र में कई बार वृद्धि की जा चुकी है परंतु गांव के सर्किल रेट में 2014 से 2023 तक 8 वर्ष के दौरान कोई वृद्धि नहीं हुई है ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट पार्टीज के बीच ₹10000 प्रति वर्ग गज तक की रेट पर खरीद बिक्री हो रही हैं परंतु प्राधिकरण ने जानबूझकर किसानों की जमीनों के भाव मात्र ₹4250 तक सीमित किए हैं वहीं जिन गांव में खरीद हो रही है वहां बोली लगाकर इंडस्ट्री के प्लॉट सत्तर ₹72000 प्रति वर्ग मीटर की दर से बेचे जा रहे हैं इस तरह प्राधिकरण किसानों को लूट कर मुनाफाखोरी कर रहा है किसान सभा सर्किल रेट के चार गुना मुआवजा एवं कानून के अनुसार सभी लाभ सभी प्रभावित किसानों को समान रूप से देने की मांग कर रही है।
4. प्राधिकरण ने 120 वर्ग मीटर के न्यूनतम प्लाट का साइज 40 मीटर किया और बाद में इसे भी समाप्त कर दिया इसी तरह प्राधिकरण ने प्राधिकरण के आवासीय स्कीमों में किसानों के साडे 17% कोटे को खत्म कर दिया है प्राधिकरण ने 3 दिसंबर 2010 के शासनादेश के अनुसार हर प्रभावित परिवार को रोजगार देने की नीति को आज दिनांक तक लागू नहीं किया है इसी तरह पतवाडी समझौते के तहत भूमिहीनों को 40 वर्ग मीटर के प्लाट से भी वंचित रखा है।
5. किसानों के आबादी शिफ्टिंग के मामलों में रकबे को आधा करने का प्रस्ताव प्राधिकरण ने शासन स्तर पर भेजा है जबकि प्राधिकरण ने किसानों की आबादी की शिफ्टिंग अधिक विकसित क्षेत्र से कम विकसित क्षेत्र की तरफ की है और अपनी जरूरत के अनुसार की है और आबादी नियमावली में शिफ्टिंग के पर्याप्त प्रावधान है इसलिए किसान सभा प्राधिकरण से शिफ्टिंग की भेजी गई नीति को वापस मंगा कर नियमावली के प्रावधानों के अनुसार संपूर्ण रखबे की लीजबैक की मांग कर रही है।
6. किसानों के साथ वार्ता के दौरान प्राधिकरण के अधिकारी किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीईओ की तरह बात करते हैं प्राधिकरण के अधिकारियों की मनसा किसानों के मुद्दों को उलझा कर रखने एवं आश्वासन देने तक सीमित है प्राधिकरण के अधिकारियों में किसानों के मुद्दे को हल करने की इच्छा शक्ति का अत्यंत अभाव है किसान सभा मांग करती है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर स्थाई सीईओ की नियुक्ति की जाए वर्तमान सीईओ की नीयत किसानों के मुद्दों को हल करने को लेकर गंभीर नहीं है।
7. आबादी के प्रकरणों में एसआईटी जांच पिछले 5 वर्ष से चल रही है जिसमें से 1451 प्रकरणों को पिछले वर्ष दैनिक जागरण के प्रोग्राम में किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा द्वारा प्रश्न पूछने पर क्लियर किया गया जबकि बाकी मामलों में जिसमें बादलपुर चौगानपुर के 208 प्रकरण एवं पूरे क्षेत्र के 533 प्रकरण शासन स्तर पर लंबित हैं प्राधिकरण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
8. किसान सभा ने दृढ़ संकल्प के साथ हर गांव में संगठन तैयार कर प्राधिकरण पर महापड़ाव डाला है जब तक कि उक्त एवं अन्य मुद्दे जोकि ज्ञापन में उल्लेखित हैं हल नहीं हो जाते तब तक प्राधिकरण पर पड़ाव चलता रहेगा पड़ाव दिल्ली की तर्ज पर विकसित किया जाएगा जरूरत पड़ने पर हजारों की संख्या में किसान गिरफ्तारी के लिए भी तैयार हैं। धरना चलता रहेगा।

किसान सभा ने धरना स्थल पर दिल्ली में धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में प्रस्ताव पास किया और मांग की कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज कर मुकदमा चलाया जाए और उन्हें कुश्ती संघ से बर्खास्त कर सभी खेल रंगों का लोकतांत्रिक करण किया जाए।

 1,687 total views,  4 views today

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published.

साहित्य-संस्कृति

चर्चित खबरें

You may have missed

Copyright © Noidakhabar.com | All Rights Reserved. | Design by Brain Code Infotech.