नोएडा :एसीपी रजनीश वर्मा ने नन्हे परिंदे के जरिये स्लम के बच्चों को शिक्षा के प्रति किया जागरूक
1 min readनोएडा, 30 अक्टूबर।
पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशानुसार कमिश्ररेट गौतमबुद्धनगर में स्लम बच्चों को शिक्षा से जोडने के उद्देश्य से चलाये जा रहे अभियान नन्हे परिंदे के क्रम में सोमवार को एसीपी-1 नोएडा रजनीश वर्मा द्वारा थाना सैक्टर 20 क्षेत्रान्तर्गत नन्हे परिंदे टीम के सहयोग से एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
उक्त कार्यक्रम में बच्चों को ओबीई (ओपन बेसिक एजुकेशन) प्रमाणपत्र वितरित कर बच्चों को सम्मानित किया गया व कराटे इंडिया अकादमी के सहयोग से एक आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। एचसीएल फाउंडेशन के अमूल्य समर्थन से, पिछले साल, नन्हे परिंदे प्रोजेक्ट से ओबीई में 80 बच्चों का सफलतापूर्वक नामांकन किया गया था। इनमें से 66 बच्चों ने परीक्षा में सफलता हासिल की, (एफ- 44, एम-22). हमारा प्राथमिक मिशन शिक्षा से वंचित और कामकाजी बच्चों को उनकी शैक्षिक यात्रा में सहायता करना है, जो बच्चे पारिवारिक जिम्मेदारियों और ज्यादा उम्र के कारण नियमित स्कूलों में दाखिला लेने में असमर्थ हैं, उन्हें ओबीई कार्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है। जिससे उनके उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सके।
एक विशेष रूप से प्रेरणादायक कहानी-
शाहीन (17 वर्ष) नाम की एक बच्ची की है, जिसे कई अन्य लोगों की तरह, ओबीई कार्यक्रम में नामांकित किया गया था। आज, वह दृढ़ संकल्प के प्रतीक के रूप में कार्य करती है, जिसने न केवल 8वीं कक्षा पूरी की है, बल्कि नौ सदस्यों के अपने परिवार का सहयोग करने के लिए कार्य करते हुये अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभा रही है।
एसीपी श्री रजनीश वर्मा ने विगत तीन वर्षो से लगातार सहयोग के लिये चेतना संस्था (प्रशिक्षण और कार्रवाई के माध्यम से बचपन में वृद्धि) और एचसीएल फाउंडेशन के सामूहिक प्रयासों के लिए सराहना की एवं आभार व्यक्त किया । उन्होंने बच्चों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें आश्वासन दिया कि जब भी जरूरत होगी वह उनकी पढ़ाई में सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगे।
चेतना संस्था के निदेशक श्री संजय गुप्ता के द्वारा सभी बच्चों को प्रोत्साहित करते हुये सतत् प्रयास करने और कक्षा 8 पूरी करने के बाद आगे की पड़ाई में मदद करने की बात कही। इसके अतिरिक्त, कराटे इंडिया अकादमी के सहयोग से कार्यक्रम स्थल पर एक आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें 30 बच्चियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया जिसमें उनके द्वारा आत्मरक्षा से सम्बन्धित तरीकों को चेष्टापूर्वक सीखने का प्रयास किया गया।
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