एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के मास्टर प्लान में है ऑर्बिट रेल कॉरिडोर, हरियाणा में हुई शुरुआत, यूपी में कब ?
1 min readविनोद शर्मा
नई दिल्ली/ नोएडा, 2 नवम्बर।
आप जानते हैं कि अचानक गुरुग्राम में आर्बिट रेल कॉरिडोर का भूमि पूजन क्यों हो रहा है इसकी वजह हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव है मगर आपको शायद यह जानकारी नहीं है कि यह प्रोजेक्ट एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के मास्टर प्लान में शामिल है इसी के तहत पलवल से शुरू होकर यह आर्बिट कॉरिडोर केएमपी के किनारे किनारे कुंडली तक जाएगा । सवाल यह उठता है कि इसकी पहल उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं हुई जबकि ईस्टर्न पेरिफेरल कॉरिडोर के किनारे किनारे उत्तर प्रदेश में भी पलवल से खुर्जा को ऑर्बिट कॉरिडोर के जरिए जोड़ा जाना है इसमें शायद कहीं ना कहीं प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी नजर आ रही है।
यह रेल मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है और इसकी जरूरत एनसीआर में बहुत ही ज्यादा है मगर उत्तर प्रदेश में इसको लेकर कोई खास दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है। जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने के कारण इसकी हरियाणा से और पश्चिम उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों से कनेक्टिविटी होना बहुत जरूरी है किसी के तहत बल्लभगढ़ से जेवर एयरपोर्ट तक 31 किलोमीटर लंबी एक्सप्रेसवे बनाई जा रही है मगर ऑर्बिट कॉरिडोर पर अभी कोई काम नहीं हुआ जबकि इसकी बहुत जरूरत है यही स्थिति नोएडा ग्रेटर नोएडा को फरीदाबाद से मेट्रो के जरिए जोड़ने को लेकर है, जबकि हरियाणा सरकार फरीदाबाद से मेट्रो को गुरुग्राम तक जोड़ने और बल्लभगढ़ तक की मेट्रो का पलवल तक विस्तार को ग्रीन सिग्नल दे चुकी है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए अगर हम ईस्टर्न एक्सप्रेसवे को छोड़ दें तो कालिंदी कुंज के बाद पलवल से ही यमुना को पार किया जा सकता है हरियाणा के फरीदाबाद से नोएडा को जोड़ने के लिए पुल का प्लान सिर्फ फाइलों में है। ग्रेटर नोएडा के दनकौर से सीधे मंझावली पुल के जरिए जोड़ने का कार्य वर्ष 2014 से चल रहा है यह पल अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ। इसके लिए हरियाणा लोक निर्माण विभाग और गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन साथ ही ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी जिम्मेदार है। यही स्थिति पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिये बसों की उपलब्धता की है। गुरुग्राम व फरीदाबाद में बेहतर बस कनेक्टिविटी है जबकि नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बसों की उपलब्धता के बारे में सब जानते हैं।
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