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हिंडन किनारे बस्तियों को बाढ़ में हो सकता है खतरा, सिंचाई निर्माण खंड गाजियाबाद ने जारी की एडवाइजरी

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अवैध निर्माण के कारण नुकसान पर सरकार नही करेगी भरपाई
-लोगों से अवैध निर्माण हटाने की सलाह

गौतम बुध नगर , 6 जुलाई। जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में अधिशासी अभियंता सिंचाई निर्माण खंड गाजियाबाद नें सर्वसाधारण का आह्वान करते हुए जानकारी दी है कि जनपद गाजियाबाद में हिण्डन नदी के बायें किनारे पर निर्मित एवं इस खण्ड के नियन्त्रणाधीन नन्दग्राम तटवर्ती बंध के निकट ग्राम घूकना, सिहानी, सददीकनगर, नूरनगर में तटबंध एवं नदी के मध्य की भूमि तथा मोरठी, करहैड़ा, मेवला अगरी, असालतपुर, अटौर, भौडा, नंगला फिरोजमोहनपुर एवं शमशेर एवं दायें किनारे पर निर्मित हिण्डन तटवर्ती बंध के निकट ग्राम- अर्थला एवं महीउद्दीनपुर कनावनी की भूमि हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि में आती है तथा जनपद गौतमबुद्धनगर में इस खण्ड के नियन्त्रणाधीन हिण्डन तटवर्ती एवं रिंग बन्ध के निकट हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र में ग्राम छजारसी, चोटपुर, यूसुफपुर चकशाहबेरी, बहलोलपुर, गढ़ीचौखंडी, हैबतपुर, पर्थला खंजरपुर, सोरखा जाहिदाबाद, ककराला, अलावर्दीपुर, जलपुरा, हलदौनी, कुलेसरा एवं हिण्डन यमुना दोआब बंधके निकट ग्राम-इलाहावास, कुलेसरा, सुथियाना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जरपुर, झट्टा, बौदोली बांगर, तुगलपुर, कोंडली बांगर, शफीपुर, चूहड़पुर एवं मोमनाथल तक हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि के अन्तर्गत आते हैं एवं इसी बन्ध पर यमुना नदी के किनारे ग्राम-मोतीपुर, तिलवाड़ा, मोमनाथल, गढ़ी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली एवं असदुल्लापुर (हरियाणा साईड) औरंगाबाद गुलावली, दलेलपुर, याकूतपुर की भूमि डूब क्षेत्र की परिधि में आती है। उन्होंने बताया कि इस भूमि में निर्मित एवं निर्माणाधीन भवन, स्कूल, फार्म हाउस, क्रेशर प्लान्ट, हाट मिक्स प्लान्ट, कंक्रीट, रेडी मिक्स प्लान्ट एवं बदरपुर सैन्ड की धुलाई की हौदियाँ आदि अवैध निर्माण स्थित है। इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा होने की सम्भावना है जिस कारण इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता अत्याधिक होने की पूर्ण सम्भावना है। बाढ़ के समय इन अवैध निर्माणों के क्षतिग्रस्त होने से भारी जन-धन की हानि हो सकती है। यह निर्माण / बस्ती अवैध होने के कारण बाढ़ के समय सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन एवं शासन द्वारा सुरक्षा प्रदान किया जाना सम्भव नहीं हो सकेगा। शासनादेश संख्या 1417वी-सत्ताईस- सिं-2-181 / बाढ़ / 09 सिं.अनु-2, दिनांक 16.03.2010 एवं माननीय एन०जी०टी०, नई दिल्ली में प्रस्तुत एपलीकेशन संख्या-89 / 2013 आकाश वशिष्ठ एवं अन्य बनाम यूनियन आफ इण्डिया एवं अन्य में पारित आदेश दिनांक 20.05.2013 द्वारा ये निर्माण प्रतिबन्धित कर रखे हैं तथा यह भी निर्देशित है कि इस प्रकार के अवैध निर्माण के कारण बाढ़ से होने वाली क्षति की कोई प्रतिपूर्ति शासन द्वारा नहीं की जायेगी तथा बाढ़ सुरक्षा कार्य नहीं कराये जायेंगे। साथ ही अवैध निर्माण से होने वाली क्षति की वसूली अवैध निर्माणकारियों से की जायेगी। अतः सर्वसाधारण उपरोक्तानुसार हो रहे अवैध निर्माणों का तत्काल हटा लें या तोड़ दे तथा अन्य कोई नया निर्माण न करें। अन्यथा इन अवैध निर्माणों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही के लिये एवं अप्रत्याशित जनधन की हानि के लिये आप निर्माणकर्ता स्वयं उत्तरदायी होंगे। सिंचाई विभाग / प्रशासन उत्तरदायी नहीं होगा।

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