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नोएडा में चौकीदार ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर 47 फ़्लैट्स और प्लॉट आवंटित कर डाले, करोड़ो हजम कर लिए, अब हुआ बर्खास्त

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-पिता की मौत के बाद अनुकम्पा पर 2010 में लगी थी नौकरी

-सिर्फ 5 साल नौकरी में करोड़ों का फर्जीवाड़ा

-फर्जी फ़्लैट्स के पैसे नोएडा प्राधिकरण के खाते में भी जमा कराए

-7 साल से चल रही थी जांच, अब हुआ बर्खास्त

नोएडा, 25 अप्रैल।

नोएडा प्राधिकरण द्वारा श्री उदयवीर सिंह राठी, चौकीदार की सेवाकाल में मृत्यु के उपरान्त उनके पुत्र श्री नितिन राठी को अनुकम्पा के आधार पर चौकीदार के पद पर दिनांक 06.08.2010 को नियुक्त किया गया था। श्री सुभांकर बासू ने भूखण्ड के आवंटन के संबंध में श्री नितिन राठी पर आरोप लगाये थे कि उनसे ढाई लाख रूपये लेकर उनके पक्ष में प्राधिकरण के अधिकारियों/कर्मचारियों के कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर आवासीय भूखण्ड संख्या ए-175, सैक्टर-72 उनके पक्ष में आवंटित कर दिया गया तथा रू० 25,60,750/ बैंक में जमा कराए गए। श्री बासू के अतिरिक्त 46 अन्य व्यक्तियों द्वारा भी इनके विरूद्ध सैक्टर-12, 73 एवं 122 में प्राधिकरण के अधिकारियों/कर्मचारियों के कूटरचित हस्ताक्षर कर आवंटन करने का कथन किया गया। फलस्वरूप इन्हें कार्यालय आदेश सं० कार्मिक /2015/71 दिनांक 10.01.2015 द्वारा निलम्बित किया गया एवं इनके विरूद्ध कोतवाली सैक्टर 20 नौएडा में प्राथमिक रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई। जिसमें विवेचना अधिकारी द्वारा अपनी विवेचना रिपोर्ट मा० न्यायालय के समक्ष दायर की गयी तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, गौतमबुद्धनगर द्वारा अपने आदेश दिनांक 06.11.2017 के द्वारा श्री नितिन राठी पर चार्ज फ्रेम (आरोपित) किया जा चुका है। नौएडा प्राधिकरण द्वारा नियमानुसार आरोप पत्र निर्गत कर, श्री राठी का जवाब प्राप्त कर एवं श्री राठी एवं शिकायतकर्ताओं के पक्ष को सुनकर पूरे प्रकरण का परिशीलन किया गया है।

शिकायतकर्ताओं के लिखित बयान के अनुसार श्री राठी द्वारा ग्राम खोड़ा स्थित ग्रीन इंडिया प्लेस मॉल में जिविका कन्सलटेन्ट नाम से कार्यालय चलाया जा रहा था। जो कि नौएडा सेवा नियमावली में इंगित प्राविधानों के विरूद्ध है। इनके द्वारा ग्राम खोड़ा स्थित ग्रीन इंडिया प्लेस मॉल में जिविका कन्सलटेन्ट नाम से कार्यालय में बैठकर फर्जी आवंटन पत्र / आवंटन हेतु प्रार्थना पत्र स्वीकार करने के पत्र उपरोक्त 47 शिकायतकर्ताओं के पक्ष में धन लेकर धोखाघड़ी से जारी किये गये है।

श्री राठी पर आरोपित है कि कुल 47 प्रकरण में से 46 आवासीय भूखंड / आवासीय भवन के मद में जमा धनराशि की पुष्टि वित्त विभाग द्वारा की जा चुकी है। एक प्रकरण में चालान नम्बर अंकित न होने के कारण जमा का सत्यापन नहीं हो पाया ।

विभिन्न शिकायतों एवं तथ्यों से सिद्ध पाया गया है कि उक्त प्रश्नगत फर्जी आवंटन पत्रों को प्राधिकरण के लैटर पैड पर जारी किया गया है जिस पर डिस्पैच नम्बर / अधिकारियों की मुहर / कूटकृत हस्ताक्षर आदि प्राधिकरण कर्मी श्री नितिन राठी की संलिप्तता की पुष्टि करते है। श्री नितिन राठी, चौकीदार पर लगाए गए सभी आरोप सिद्ध पाये गए। श्री राठी के कृत्य आर्थिक कदाचार, धोखाधड़ी अत्यंत गम्भीर प्रकृति, अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आते है। श्री नितिन राठी द्वारा के कृत्यों के कारण जनमानस में प्राधिकरण की छवि भी धूमिल हुई है। श्री नितिन राठी का उक्त आचरण उत्तर प्रदेश राजकीय सेवा आचरण नियमावली 1956 के अंतर्गत विहित प्राविधानों के विरुद्ध है।

श्री नितिन राठी, चौकीदार के विरूद्ध गम्भीर आरोपो की जाँच में पुष्टि हो जाने के फलस्वरूप नौएडा सेवा नियमावली के विनियम 61 (7) धारा 63 के प्राविधानों के अधीन श्री नितिन राठी, चौकीदार की प्राधिकरण की सेवायें से आज दिनांक 25.04.2022 को मुख्य कार्यपालक अधिकारी नौएडा द्वारा बर्खास्त किया गया है।

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