
नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन (एनईए) सभागार में मंगलवार को अपर पुलिस आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) श्री राजीव नारायण मिश्रा, पुलिस उपायुक्त श्री यमुना प्रसाद, और पुलिस उपायुक्त (यातायात) श्री लखन सिंह के साथ एक संवाद व समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। एनईए अध्यक्ष श्री विपिन कुमार मल्हन ने सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया और उद्यमियों की समस्याओं को विस्तार से प्रस्तुत किया।
श्री मल्हन ने औद्योगिक इकाइयों में चोरी, श्रमिक-उद्यमी विवाद, यातायात जाम, और सड़कों पर अवैध पार्किंग जैसी प्रमुख समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि थानों में उद्यमियों के लिए अलग हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएं, एफआईआर दर्ज करने में प्राथमिकता दी जाए, और श्रमिक-उद्यमी विवादों में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा,ई रिक्शा और ऑटो के लिए निर्धारित मार्ग और पट्टियां लागू करने, औद्योगिक क्षेत्रों में पुलिस गश्त बढ़ाने, और माल लोडिंग-अनलोडिंग वाहनों के चालान पर रोक लगाने की मांग की गई।
उन्होंने सड़कों पर भिक्षावृत्ति, स्मार्ट रेड लाइट सिस्टम की कमी, और अवैध रेहड़ी-ठेलों के कारण यातायात अवरोध की समस्याओं को भी उठाया। इसके अतिरिक्त, सैक्टर-11 में अनावश्यक बैरियर हटाने, पार्कों में नशा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई, और सीओ (उद्योग) की नियुक्ति बहाल करने की मांग की गई।
अपर पुलिस आयुक्त श्री राजीव नारायण मिश्रा ने आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेहड़ी-ठेलों और नशा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, और उद्यमियों के सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा। श्रमिकों की शिकायतों पर सीधे कार्रवाई के बजाय उन्हें श्रम विभाग में शिकायत दर्ज करने को कहा जाएगा।
पुलिस उपायुक्त श्री यमुना प्रसाद ने यातायात सुधार के लिए प्रतिबद्धता जताई, जबकि पुलिस उपायुक्त (यातायात) श्री लखन सिंह ने कहा कि एनईए के सुझावों को ध्यान में रखकर यातायात व्यवस्था को और बेहतर किया जाएगा।
बैठक में एनईए के महासचिव श्री वी.के. सेठ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री राकेश कोहली, श्री हरीश जोनेजा, श्री मुकेश कक्कड़, उपाध्यक्ष श्री आर.एम. जिंदल, श्री सुधीर श्रीवास्तव, श्री अजय सरीन, सचिव श्री आलोक गुप्ता, श्री वीरेंद्र नरूला, श्री मयंक गुप्ता सहित बड़ी संख्या में उद्यमी उपस्थित थे।
यह बैठक उद्यमियों और पुलिस प्रशासन के बीच संवाद को मजबूत करने और औद्योगिक क्षेत्रों में व्यवस्था सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।