नोएडा में वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर CEO लोकेश एम की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक

-GRAP-4 के सख्त अनुपालन के निर्देश
नोएडा,(नोएडा खबर डॉट कॉम)
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) डॉ. लोकेश एम ने मंगलवार को खराब वायु गुणवत्ता और दिल्ली-एनसीआर में लागू GRAP-4 के अनुपालन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में प्राधिकरण के विभिन्न विभागों के अधिकारी, जिला प्रशासन के प्रतिनिधि, आईटी कंपनियों, स्कूलों और यूनिवर्सिटीज के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक में 15 दिसंबर को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। CEO ने सभी विभागों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए तत्काल कदम उठाने के सख्त निर्देश दिए।
वाहन प्रदूषण पर फोकस: EV को मिलेगा बढ़ावा
एनसीआर में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण वाहनों से होने वाला उत्सर्जन बताया गया। इसे नियंत्रित करने के लिए:

  • परिवहन विभाग को ईंधन आधारित वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को प्रोत्साहन देने के लिए पत्र लिखने के निर्देश।
  • प्राधिकरण क्षेत्र में EV चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने का आदेश।
  • प्राधिकरण के अपने वाहनों को EV या हाइब्रिड में बदलने की पहल।
  • जनस्वास्थ्य विभाग के BS-VI मानक से नीचे के वाहनों को अपग्रेड करने के निर्देश।
  • जाम वाले हॉटस्पॉट्स पर सुधार कार्य कर ट्रैफिक जाम कम करने का प्लान।

स्कूलों और आईटी कंपनियों से अपीलबैठक में उपस्थित आईटी कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से GRAP-3 और GRAP-4 की अवधि में वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड अपनाने की अपेक्षा की गई, ताकि वाहनों का आवागमन कम हो। साथ ही, इस दौरान बड़े कार्यक्रम आयोजित न करने की सलाह दी गई। संस्थानों से अपने सामने की सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव और फुटपाथ-वर्ज को गोद लेने (एडॉप्ट) का आग्रह किया गया।अन्य प्रमुख निर्देश

  • उद्योगों पर निगरानी: फैक्टरियों से प्रदूषित गैस उत्सर्जन न हो, इसका निरीक्षण और उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई।
  • कचरा प्रबंधन: खुले में कचरा जलाने पर कड़ी नजर, वैज्ञानिक निस्तारण सुनिश्चित करना।
  • डीजी सेट: न्यूनतम उपयोग, डुअल फ्यूल पर रेट्रोफिटिंग।
  • सड़क सफाई: सभी मुख्य सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग, NCAP फंड का पूर्ण उपयोग।
  • हरित क्षेत्र: सड़कों के कच्चे हिस्सों में घास या टाइल्स लगाना, C&D वेस्ट का वैज्ञानिक निस्तारण।
  • नागरिक भागीदारी: RWA और जन प्रतिनिधियों को प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रमों में शामिल करना।
  • हॉटस्पॉट्स: वाहन प्रदूषण वाले क्षेत्रों में हरित विकास और डस्ट कंट्रोल।

CEO डॉ. लोकेश एम ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी विभागों और संस्थानों से समन्वय बनाकर वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।दिल्ली-एनसीआर में GRAP-4 लागू होने से प्रदूषण पर लगाम लगाने के प्रयास तेज हो गए हैं। नागरिकों से भी सहयोग की अपेक्षा की जा रही है।

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