ग्रेटर नोएडा में नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को पर्याप्त बिजली आपूर्ति न करने की शिकायतों के चलते उत्तर प्रदेश सरकार सर्वोच्च न्यायालय में इसका लाइसेंस रद्द करने की लड़ाई लड़ रही है। समिति ने उड़ीसा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां निजीकरण तीसरी बार विफल हुआ है, जहां टाटा पावर की खराब सेवाओं के कारण 15 अगस्त के बाद जन सुनवाई होगी। उज्जैन, ग्वालियर, रांची, औरंगाबाद जैसे शहरों में भी निजीकरण के प्रयोग विफल हो चुके हैं।