यूपी में बिजली चोरी रोकने को बिजली मित्र, गुमनाम रहकर भी दे सकते हैं जानकारी
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-यूपी में बिजली चोरी रोकने के लिए योगी सरकार ने की अनूठी पहल
-यूपीपीसीएल ने की अपनी वेबसाइट पर ‘बिजली मित्र’ लिंक की शुरुआत
-बिना नाम और नंबर दर्ज कराए भी लोग दे सकेंगे बिजली चोरी की सूचना
-सूचना के आधार पर निर्धारित समयसीमा में जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई
लखनऊ, 29 अप्रैल।
उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए योगी सरकार ने ‘बिजली मित्र’ के रूप में बेहद महत्वपूर्ण पहल की है। इसके माध्यम से लोग गुमनाम रहते हुए भी उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को बिजली चोरी की सूचना दे सकेंगे और बिजली चोरी करने वालों को पकड़वा सकेंगे। बिजली मित्र लिंक को यूपीपीसीएल की ओर से शनिवार को शुरू कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार प्रत्येक परिवार तक निर्बाध बिजली आपूर्ति के साथ-साथ बिजली चोरी रोकने के लिए कड़े उपाय कर रही है। हाल ही में सरकार ने बिना कनेक्शन अवैध तरीके से बिजली चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाते हुए उन्हें वैध कनेक्शन देने की शुरुआत की है। इसी क्रम में बिजली मित्र एक और नई पहल है।
अब शिकायतकर्ता को नहीं देनी होगी व्यक्तिगत जानकारी
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष एम देवराज ने बताया है कि अभी तक यूपीपीसीएल की वेबसाइट में उपलब्ध लिंक एवं चैट बोट पर विद्युत चोरी संबंधित शिकायतें की जा सकती थीं लेकिन इसमें शिकायतकर्ता का नाम, मोबाइल नंबर, डिस्कॉम का नाम तथा सबस्टेशन की जानकारी ली जाती थी। इसके कारण लोग शिकायत करने में असहज महसूस करते थे। शिकायतकर्ता की इन असुविधाओं को दूर करने एवं उसकी गोपनीयता बनाए रखते हुए बिजली चोरी का पता लगाने के लिए यह अनोखी पहल की गई है। कॉर्पोरेशन प्रबंधन की कोशिश है कि बिजली चोरी की सूचना उसके पास अधिक से अधिक प्राप्त हो जिससे बिजली चोरी करने वालों को पकड़ा जा सके। साथ ही, उपभोक्ताओं के हितों की भी रक्षा की जा सके।
ऐसे कर सकेंगे बिजली चोरी की शिकायत
शिकायतकर्ता अब बिजली चोरी का पता बताने के लिए कॉर्पोरेशन की वेबसाट www.upenergy.in के होमपेज पर जाकर बिजली मित्र लिंक bijlimitra.uppcl.org का इस्तेमाल करके सूचना दे सकते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही शिकायत के लिए पेज खुलेगा। इसमें बिजली चोरी करने वाले का नाम (यदि उपलब्ध हो तो) दर्ज करना होगा। अगले कॉलम में बिजली चोरी के स्थान का पता अनिवार्य रूप से अंकित करना होगा। इसके बाद जिला जहां बिजली चोरी की जा रही है, उसका नाम भी अनिवार्य रूप से देना होगा। इसके बाद अगले कॉलम में अन्य विवरण जैसे लैंडमार्क, बिजली चोरी के विषय में सूचना (यदि उपलब्ध हो तो) देनी होगी। अगले कॉलम में यदि उपलब्ध हो तो फोटो और वीडियो अपलोड करने की भी सुविधा होगी। इसके बाद कैप्चा कोड भरके सबमिट करते ही आपकी सूचना विभाग को मिल जाएगी। इसके बाद एक निर्धारित समयसीमा में इसकी जांच करवाकर नियमानुसार बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस तरह बिजली चोरी से संबंधित सूचना देने की सुविधा पहली बार दी जा रही है। चोरी की सूचना किसी भी साइबर कैफे, जनसूचना केंद्र या मोबाइल से भी भेजी जा सकती है।
बिना कनेक्शन बिजली उपयोग कर रहे परिवारों को दिया जा रहा कनेक्शन
इससे पहले योगी सरकार ने बिना कनेक्शन बिजली चला रहे लोगों को नियमानुसार बिजली कनेक्शन देने की पहल की थी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने विभागीय स्तर पर आदेश जारी किया था, जिसमें बिजली कनेक्शन से छूटे सभी परिवारों का चिन्हांकन करते हुए उन्हें बिजली कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें छात्र, स्वयं सहायता समूह एवं विद्युत सखियों की मदद ली जाएगी। सरकार का मानना है कि यूपीपीसीएल के अंतर्गत पांचों वितरण निगमों में कुल 3.27 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से घरेलू प्रयोग के लिए कुल कनेक्शन की संख्या 2.88 करोड़ है। प्रदेश की जनसंख्या को देखते हुए यह स्पष्ट है कि कुल घरेलू बिजली कनेक्शन की संख्या कुल परिवारों की संख्या के सापेक्ष कम है। इसीलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
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