नोएडा के सेक्टर 32 में लगी आग किसकी लापरवाही से लगी, डीडीआरडब्ल्यूए ने पूछा सवाल
1 min readनोएडा, 26 मार्च।
डीडीआरडब्ल्यूए ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम को पत्र लिखकर सेक्टर 32 के कमर्शियल प्लाट में लगी आग से शहरवासियों को होने वाली समस्या के संबंध में और पूरे नोएडा शहर को गैस के चेंबर में तब्दील करने वाले जिम्मेदार नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है।
अध्यक्ष एनपी सिंह और वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव कुमार ने पत्र में कहा है कि सेक्टर 32 ए के खाली प्लाटों में लगी आग से पूरा नोएडा शहर त्रस्त हो चुका है। यह पहला मौका नहीं है अनेको दफा इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं इसी जगह इसी प्लॉट में घटित हो चुकी है और निवासी पहले भी परेशान रहे हैं और अब दोबारा परेशान है। नोएडा अथॉरिटी ने अपनी अरबों रुपये की कमर्शियल जमीं को डंपिंग ग्राउंड बना दिया है और शहर के निवासियों का रहना मुश्किल कर दिया। यदि इन समस्याओं का तुरंत समाधान नहीं होता है उस दशा में निवासियों को इस शहर को छोड़कर जाने के अलावा और कोई विकल्प नजर नहीं आता।
रिकॉर्ड के मुताबिक जहां आग लगी है वहां कोई डंपिंग ग्राउंड नहीं है। फिर यहां इतना कूड़ा यहां कैसे आया कि 300 टैंकर पानी भी आग बुझाने में सफल नहीं हो सके हैं। अगर यह सब कूड़ा शहर को बीचो-बीच डंप करना था फिर सेक्टर 145 में डंपिंग यार्ड क्यों बनाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार सेक्टर 32 के गड्ढे में शहर का कूड़ा और प्रूनिंग के उपरांत पेड़ों की कटी हुई लकड़िया डंप करके रखी गई थी। जिसमें आग लगी है और आग इतनी तेजी से भड़क रही है कि वह 300 टैंकर पानी से भी कंट्रोल नहीं हो पा रही।
नोएडा प्राधिकरण और पुलिस विभाग को जिम्मेदारी तय करने की आवश्यकता है। जिससे हर साल होने वाली इस आगजनी की समस्या का समाधान हो सके। इससे पहले भी अनेकों दफा इसी प्लॉट में आग लगने की सूचना मिली है परंतु प्राधिकरण इस और कोई ध्यान नहीं देती जिसका नतीजा आज सामने दिखाई दे रहा है।
आगामी तीन दिनों तक आग और दम घोटु धुआं नोएडा शहर के निवासियों को इसी तरह परेशान करता रहेगा। शहर के बुजुर्ग और बच्चे सब परेशान हैं। हम प्राधिकरण से पूछना चाहते हैं क्या इसी दिन के लिए शहर के निवासियों द्वारा दिवाली से लेकर होली तक इको फ्रेंडली मना रहे हैं और प्राधिकरण इस तरह पर्यावरण को बर्बाद कर रहा है।
नोएडा प्राधिकरण को चाहिए था कि वह इस ग्रीन वेस्ट का सही इस्तेमाल करें। इस ग्रीन वेस्ट से खाद बनाई जा सकती थी, मोटी लड़कियों को काटकर उसे शमशान घाट भिजवाया जा सकता था, जहां यह काम आती, प्रोसेसिंग प्लांट लग सकता है जिससे इस कूड़े का सही इस्तेमाल हो सकता था।
परंतु प्राधिकरण द्वारा इस और कुछ भी नहीं किया जा रहा। हर साल पेड़ों की छटाई के उपरांत लकडियो को और कूड़े को इस ग्राउंड में डंप कर दिया जाता है और कोई ना कोई शरारती तत्व वहां आग लगा देता है और शहरवासी परेशान रहते हैं।
नोएडा प्राधिकरण को तुरंत इस प्रकरण में कार्रवाई करने की आवश्यकता है। जो भी विभाग और कर्मचारी और अधिकारी जिम्मेदार है उनके विरुद्ध तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए ।
आग लगने वाला नहीं कमर्शियल प्लाट में लकड़ियां और कूड़ा इकट्ठा करवाने वाला विभाग और अधिकारियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि इस तरह की घटना की पुर्नवृत्ति ना हो सके।
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