एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के लिए दलहन उत्पादन कार्यक्रम का आयोजन
1 min readनोएडा, 23 अक्टूबर।
एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा शोध और प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने और उन्हे नवीनतम तकनीकें उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया जाता है। इसी क्रम में एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र द्वारा भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आई.सी.ए.आर.) कानपुर के सहयोग से दो दिवसीय दलहन उत्पादन कार्यक्रम का आयोजन गौतमबुद्धनगर के ग्राम जमालपुर और कैमराला में किया गया जिसमें लगभग 50 किसानों, कृषि विशेषज्ञों एवं एमिटी के वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र की प्रभारी डा. नीतू सिंह ने किसानों को कुपोषण मुक्त समाज के लिए पौषकता से भरपूर दलहन फसलों पर विशेष बल दिया और किसानों को उन्नत तकनीकी जानकारी दी। डा सिंह ने कहा कि एमिटी सदैव आपकी सहायता के लिए तत्पर है आप कृषि संबधी किसी भी समस्या के लिए संर्पक कर सकते है।
एमिटी कृषि प्रसार सेवा केन्द्र के शोध अधिकारी श्री रोशन लाल ने किसानों को बताया कि दलहन की खेती से कम लागत में अधिक आमदनी प्राप्त होती है क्योंकि इसमें खाद एवं पानी की कम आवश्यकता पड़ती है। दलहनी फसलों से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है क्योंकि दलहनी फसलों में राइजोबियम बैक्टर की ग्रंथियाँ पाई जाती है जोकि वायुमंडल में उपस्त्थित नाइटोजन का भूमि स्थिरिकरण करती है।
इसके अंतर्गत मूँग की प्रजाति पूसा-1431 एवं उर्द की प्रजाति पीयू-31 व वल्लभ उर्द-1 के प्रदर्शनों का आयोजन किसानों के खेतों पर किया गया। कार्यक्रम में एमिटी विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों के मूँग एवं उर्द के प्रक्षेत्रों का अवलोकन किया एवम् किसानों ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि दलहन फसलों से हमें अच्छा उत्पादन मिलने की संभावना है।
कार्यक्रम के दौरान किसानों ने उत्साहित होकर बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम एमिटी विश्वविद्यालय हमारे गाँवों मे आगे भी अधिक किसानों के खेतो पर कराती रहें जिससे और किसान भी लाभांवित हो सके।
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