प्रमुख निर्देश:- हर अस्पताल में एक नामित इमरजेंसी इंचार्ज तुरंत नियुक्त करें और उसकी सूची जिला प्रशासन को दें।
- नियमित मॉक ड्रिल और स्टाफ प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से कराएं।
- फायर एक्सटिंग्विशर, स्प्रिंकलर, अलार्म, स्ट्रेचर/व्हीलचेयर, दिव्यांग सुविधाएं और पब्लिक एड्रेस सिस्टम हमेशा कार्यशील रहें।
- आपातकालीन नक्शा, निकासी मार्ग, असेंबली प्वाइंट और 24×7 सुरक्षा स्टाफ सुनिश्चित करें।
- सभी SOP, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट व मॉक ड्रिल रिपोर्ट का दस्तावेजीकरण अद्यतन रखें।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन विभाग, पुलिस और जिला आपदा प्राधिकरण के अधिकारियों ने अस्पतालों के लिए विस्तृत चेकलिस्ट पर चर्चा की। ट्रॉमा केयर, ऑक्सीजन-वेंटिलेटर उपलब्धता, ब्लड बैंक समन्वय, एम्बुलेंस स्टाफ प्रशिक्षण और पुलिस-फायर से सीधा संपर्क जैसे मुद्दों पर विशेष बल दिया गया।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप चौबे, जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।जिलाधिकारी कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में सभी अस्पतालों का संयुक्त निरीक्षण अभियान चलाया जाएगा। मरीजों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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