दिशा पटानी के बरेली आवास पर फायरिंग: गोल्डी बरार-रोहित गोदारा गैंग के दो बदमाशों का यूपी STF के साथ एनकाउंटर में अंत

नोएडा/गाजियाबाद,( नोएडा खबर डॉट कॉम)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराधियों पर सख्ती का एक और उदाहरण आज देखने को मिला। बरेली में बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पटानी के पारिवारिक आवास पर 12 सितंबर की भोर में हुई सनसनीखेज फायरिंग की घटना के मुख्य आरोपी दो बदमाशों की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई।

यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की नोएडा यूनिट और दिल्ली क्राइम इंटेलिजेंस (CI) यूनिट की संयुक्त टीम ने गाजियाबाद के थाना ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में दोनों को घेराबंदी कर पकड़ लिया, जहां उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी की। जवाबी कार्रवाई में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में उपचार के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की पृष्ठभूमि: दिशा पटानी के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग

12 सितंबर 2025 की सुबह करीब 3:45 बजे बरेली के सिविल लाइन्स इलाके में स्थित विला नंबर 40 पर दो बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। पुलिस के अनुसार, कुल 10 से 15 राउंड गोली चलाई गईं, जिनमें दो हवाई फायर भी शामिल थे।

इस घटना के समय दिशा पटानी मुंबई में थीं, लेकिन उनके पिता जगदीश सिंह पटानी (रिटायर्ड DSP, यूपी पुलिस), मां पद्मा पटानी, बड़ी बहन खुशबू पटानी (रिटायर्ड आर्मी मेजर और वेलनेस कोच) तथा भाई सूर्यांश घर पर मौजूद थे। सौभाग्य से कोई हादसा नहीं हुआ, लेकिन इलाके में दहशत फैल गई। जगदीश पटानी ने बताया कि उनके कुत्ते की भौंकने की आवाज से उन्हें शक हुआ, और बाहर जाकर उन्होंने मोटरसाइकिल पर भागते हमलावरों को देखा।
थाना कोतवाली बरेली में मुकदमा दर्ज कराया गया। घटना का कारण अभिनेत्री की बहन खुशबू पटानी के जुलाई में एक धार्मिक आयोजन पर दिए गए बयान को बताया जा रहा है, जिसमें उन्होंने कथा वाचक अनिरुद्ध आचार्य के लिव-इन रिलेशनशिप पर दिए गए ‘मिसोजिनिस्ट’ (महिला-विरोधी) बयान की आलोचना की थी।

इसके बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें गैंगस्टर गोल्डी ब्रार और रोहित गोदारा ने जिम्मेदारी ली। पोस्ट में दावा किया गया कि यह फायरिंग हिंदू संत प्रेमानंद महाराज और अनिरुद्ध आचार्य महाराज के अपमान के जवाब में की गई।

पोस्ट में वीरेंद्र चारण और महेंद्र सरण (देलाना) का नाम लिया गया, लेकिन पुलिस ने इसे सत्यापित करने की जांच शुरू कर दी। जगदीश पटानी ने स्पष्ट किया कि बयान का गलत अर्थ निकाला गया और यह किसी संत से जुड़ा नहीं था।
मुख्यमंत्री योगी का संज्ञान और त्वरित कार्रवाईमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का तुरंत संज्ञान लिया और पुलिस को खुलासे एवं सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
उन्होंने जगदीश पटानी से फोन पर बात की और परिवार की सुरक्षा का आश्वासन दिया।
यूपी सरकार की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पांच विशेष टीमें गठित की गईं। बरेली एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि दिल्ली-लखनऊ हाईवे से शहर में घुसकर फायरिंग करने वाले हमलावर उसी रूट से 7-8 मिनट में भाग निकले थे।
अभिसूचना से बदमाशों की पहचानपुलिस ने अभिसूचना संकलन, पूरे रूट के सीसीटीवी फुटेज, आसपास के राज्यों के क्राइम रिकॉर्ड्स से मिलान तथा तकनीकी विश्लेषण से दोनों बदमाशों की पहचान कर ली। आरोपी थे:रविंद्र उर्फ कल्लू पुत्र कल्लू, निवासी कहनी, रोहतक (हरियाणा)।
अरुण पुत्र राजेंद्र, निवासी इंडियन कॉलोनी, गोहना रोड, सोनीपत (हरियाणा)।

दोनों रोहित गोदारा-गोल्डी ब्रार गैंग के सक्रिय सदस्य थे। रविंद्र कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रहा है।
गाजियाबाद में एनकाउंटर:
बदमाशों का अंत

बुधवार 17 सितंबर 2025 को यूपी STF की नोएडा यूनिट और दिल्ली CI यूनिट की संयुक्त टीम ने गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में दोनों बदमाशों को घेर लिया। जैसे ही पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, दोनों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

मौके से पुलिस ने एक ग्लॉक पिस्टल, एक जिगाना पिस्टल और काफी संख्या में कारतूस बरामद किए।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देशों पर की गई। एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और हरियाणा STF की भी भूमिका थी।

गैंग का बैकग्राउंड और प्रभाव

रोहित गोदारा-गोल्डी ब्रार गैंग कनाडा और अमेरिका आधारित अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट है, जो हत्या, फिरौती और धमकियों के लिए कुख्यात है। इस एनकाउंटर से गैंग के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
पुलिस ने दावा किया कि यह घटना यूपी में अपराधियों के लिए चेतावनी है। दिशा पटानी के परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और जांच जारी है।

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