यूपी में शनिवार और रविवार को बाजार खोलने की मांग, कैट ने सीएम योगी को भेजी चिट्ठी
1 min readनोएडा, 28 जुलाई।
कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र के माध्यम से शनिवार एवं रविवार को बाजार खोलने की माँग की। गौरतलब है कि यूपी में सोमवार को कोरोना के सीर्फ 33 नए केस मिले थे। जबकि, कम आबादी के बावजूद केरल में 11 हजार से अधिक नए केस मिले हैं। कई राज्यों में सातों दिन बाजार खुलने लगे हैं।
पत्र में कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स दिल्ली (एनसीआर) के संयोजक एवं सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन नोएडा के अध्यक्ष सुशील कुमार जैन ने कहा कि आपके नेतृत्व में जिस सफलता से कोविड-19 की दूसरी लहर पर काबू पाया गया है उसकी प्रशंसा अभी हाल में ही देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वाराणसी में की गई। आपकी कार्यकुशलता को देश ही नहीं विश्व ने भी स्वीकार किया है। इसका परिणाम है कि आज प्रदेश में कोरोना काबू में है और 53 से अधिक जिले इस महामारी से मुक्त हो चुके हैं और शेष जनपद में भी कोरोना संक्रमित की संख्या एक अंक में है।
पत्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश के यशश्वी मुख्यमंत्री से सुशील कुमार जैन द्वारा मांग की गई कि कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रदेश में शनिवार एवं रविवार के लॉक डाउन को हटा दिया जाए। शनिवार एवं रविवार को बाजार बन्द होने का सबसे ज्यादा फायदा ई-कॉमर्स कंपनियों को हो रहा है।
चूँकि शनिवार एवं रविवार को सरकारी एवं बहुत से निजी कार्यालयों में छुट्टी होती है और इन दोनों दिन बाजार बन्दी के कारण जनता ई-कॉमर्स पर खरीदारी करती है, यह इस बात से भी साबित होता है कि ई-कॉमर्स का व्यापार इस महामारी के दौरान में 7% से बढ़कर 28% हो गया है। यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो ई-कॉमर्स कंपनियों से पर्तिस्पर्धा में पिछड़ रहा प्रदेश का परंपरागत व्यापार मृतप्राय हो जाएगा।
शनिवार एवं रविवार की बन्दी के कारण रेस्टोरेंट आदि का व्यापार भी बहुत प्रभावित हो रहा है। सामान्यतः छुट्टी के दिनों में लोग परिवार के साथ बाहर निकलते हैं और अपनी खर्च करने की छमता के अनुरूप रेस्टोरेंट में खाद्य वस्तु का लुत्फ़ लेते हैं।
यहां यह भी ध्यान योग्य है कि नोएडा जैसे शहर में जो कि दिल्ली-एनसीआर में आता है यहां का ग्राहक दिल्ली साथ होने की वजह से शनिवार रविवार को दिल्ली जाकर अपनी खरीदारी करता है जिसके कारण नोएडा के व्यापार से सरकार को मिलने वाला राजस्व दिल्ली सरकार के पास चला जाता है इस बात पर भी बहुत ज्यादा ध्यान देना चाहिए जिससे कि बाजार खोलकर राजस्व का नुकसान बचाया जा सके।
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