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ग्रेटर नोएडा में राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने वाटर इंडिया वीक में कहा, जल बचाएं यही जीवन के लिए जरूरी

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि आने वाले वर्षों में बढ़ती हुई जनसंख्या को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराना बहुत बड़ी चुनौती होगी। पानी का मुद्दा बहुआयामी और जटिल है, जिसके समाधान के लिए सबके प्रयास की जरूरत है।

राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार को ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में इंडिया वाटर वीक 2022 के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रही थी उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के प्रारम्भ के समय, देश में जहां केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल की आपूर्ति होती थी, वहीं अब 10.43 करोड़ घरों में नल से जल की आपूर्ति हो रही है। इस मिशन से गांव के लोगों को स्वच्छ पानी पीने के लिए मिल रहा है जिससे जल-जनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी आई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सभ्यता में पानी को दैव रूप में जाना जाता है।

ऋग्वेद में लिखा है:

या आपो दिव्या उत वा स्रवन्ति खनित्रिमा उत वा या: स्वयञ्जा:।
समुद्रार्था या: शुचय: पावकास्ता आपो देवीरिह मामवन्तु॥

अर्थात – जो जल अन्तरिक्ष से उत्पन्न होते हैं, नदी के रूप में बहते हैं, जो खोद कर निकाले जाते हैं, अथवा जो अपने आप उत्पन्न होकर सागर की ओर गति करते हैं, जो दीप्तियुक्त पवित्र करने वाले हैं, वे देवीरूप जल यहां हमारी रक्षा करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आम लोगों, किसानों, उद्योगपतियों और विशेषकर बच्चों से यह अपील करूंगी कि वे जल संरक्षण को अपने आचार-व्यवहार का हिस्सा बनाएं, क्योंकि ऐसा करके ही, हम आने वाली पीढ़ियों को, एक बेहतर और सुरक्षित कल दे सकेंगे। हम सब का प्रयास होना चाहिए कि जल का मितव्ययता के साथ उपभोग करें। इसके दुरुपयोग के प्रति खुद भी जागरूक रहें और लोगों को भी जागरूक बनाएं।

उन्होंने कहा कि इस Water Week के दौरान जल से जुड़े विभिन्न विषयों पर सेमिनार और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिनमें न सिर्फ जल संरक्षण बल्कि पर्यावरण, कृषि और विकास से जुड़े अनेक पहलुओं पर भी चर्चा होगी। ये मुद्दे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक हैं।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा आज जरूरत इस बात की है स्वराज की सोच को आगे बढ़ाया जाए अश्लील आप गांव में रहने वालों को मिले और सभी योजनाएं उनकी भागीदारी से क्रियान्वित की जाएं मैंने पानी की बर्बादी रोकने की अपील की और कहा कि पानी के अभाव मैं जीने वाला ही पानी के मूल्य को समझता है मन अपील की कि बारिश के पानी को बचाएं क्योंकि जल के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में आज 60+ नदियों को पुनर्जीवित किया गया है, जिनमें फिर से जल की उपलब्धता दिखाई दे रही है। प्रदेश में नमामि गंगे परियोजना के बाद कानपुर स्थित सीसामऊ जहां 14 MLD सीवर गिरता था, आज वह सीवर प्वॉइंट नहीं बल्कि सेल्फी प्वॉइंट बन गया है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मां गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए ‘नमामि गंगे परियोजना’ एक आदर्श उदाहरण है। मां गंगा की पहचान थी ‘गांगेय डॉल्फिन’ से, आज फिर से गंगा जी में डॉल्फिन दिखाई दे

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से मानव जीवन पर आ रहे बुरे असर को कम करने में भारत वैश्विक रूप से अपनी भूमिका मजबूत कर रहा है। इस उद्देश्य के साथ ग्रेटर नोएडा में 7वें इंडिया वॉटर वीक का शुभारंभ महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी द्वारा किया गया।जल संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर विमर्श करते हुए जल शक्ति मंत्रालय आमजन को जलप्रबंधन की तकनीक का साझीदार बनाना चाहता है।

समारोह में उत्तरप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी, मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, जलशक्ति राज्य मंत्री द्वय श्री प्रहलाद सिंह पटेल जी एवं श्री बिशवेश्वर टुडु जी की उपस्थिति रही।

 

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