नोएडा में एक सप्ताह से उत्तराखंड स्कूल सील, 400 अभिभावकों ने सांसद व विधायक से मांगी मदद
1 min readनोएडा, 30 अप्रैल।
उत्तराखंड पब्लिक स्कूल के करीब 400 अभिभावकों ने रविवार को मयूर विहार फेस 3 के स्मृति वन पार्क में एकत्रित होकर स्कूल को खुलवाने के विषय में चर्चा की। इस मामले में सांसद व विधायक से हस्तक्षेप की मांग की।
गौरतलब है कि 24 अप्रैल 2023 को नोएडा प्राधिकरण द्वारा उत्तराखंड पब्लिक स्कूल को ₹15 करोड़ बकाया राशि का भुगतान न करने के संदर्भ में सील कर दिया गया था। प्राधिकरण द्वारा स्कूल को तीन बार नोटिस भी भेजे गए थे, जिसके बावजूद स्कूल ने मामले का कोई संज्ञान नहीं लिया।
स्कूल के सील हो जाने के बाद अभिभावकों ने दो बार सूरजपुर जिलाधिकारी से मुलाकात की और साथ ही स्कूल मैनेजमेंट से भी मीटिंग की।
कोई हल ना निकलने के कारण अपने बच्चों के भविष्य को अंधकार में देखते हुए आज अभिभावकों द्वारा निम्नलिखित निर्णय लिए गए-
• अभिभावक हाईकोर्ट में रिट याचिका डालेंगे
• 2-3 दिन के भीतर अगर स्कूल ना खुला तो अभिभावक छात्र-छात्राओं सहित प्राधिकरण का घेराव करेंगे।
मीटिंग में DDRWA के अध्यक्ष NP सिंह भी आए थे, जिन्होंने अभिभावकों को आश्वासन दिया कि वह जल्द से जल्द शासन-प्रशासन से बात कर हर हाल में स्कूल जल्द से जल्द खुले ऐसी कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने स्कूल के अध्यक्ष श्री हरीश पपने से मौके पर फोन कॉल के माध्यम वार्तालाप कर उनसे पूछा कि स्कूल मैनेजमेंट के होते हुए स्कूल को सील कैसे कर दिया गया और अभी तक मैनेजमेंट द्वारा स्कूल खुलवाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं?
एनपी सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि नोएडा प्राधिकरण को स्कूल मैनेजमेंट पर कार्रवाई करनी चाहिए थी, ना कि स्कूल को बंद करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट अपना घर गिरवी रख कर स्कूल को खुलवाएं।
इसी के साथ उन्होंने सांसद डॉ महेश शर्मा के पीओ संजय बाली से बात कर सांसद शर्मा से मिलने का समय भी मांगा। उन्होंने कहा कि मामले का संज्ञान सांसद और विधायक जरूर लें।
मीटिंग में नरेश रावत, देवेंद्र रावत, पुष्कर राज पार्की, ज्योति देवरानी, प्रीति सिंह, कविता शाह, पूरन भंडारी, भुप्पी नेगी, बेनी चमोली, मनोज रावत, रंजीत सिंह, आशा भंडारी, पुष्पा नेगी सहित तमाम अभिभावक उपस्थित रहे।
जीपीडब्लयूएस के अध्यक्ष ने क्या कहा,
गौतमबुद्धनगर पेरेंट्स वेल्फेयर सोसाइटी (जीपीडब्ल्यूएस) के संस्थापक मनोज कटारिया ने कहा कि नोएडा में परेशान एवं दुखी अभिभावकों को अपनी मन की पीड़ा कहने के लिए एकत्रित होने पर धारा 144 का हवाला देकर उन्हें नोएडा से भगा दिया जाता है परंतु उसी धारा 144 होने के बावजूद माननीय प्रधानमंत्री जी की मन की बात सुनने और सुनाने के लिए हजारों की भीड़ को आमंत्रित किया जाता है। जिस सुनील जगरान के “बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ” के अभियान से प्रधानमंत्री जी प्रभावित है उनके ही द्वारा दिए नारे “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” वाली सरकार ने उत्तराखंड पब्लिक स्कूल सील कर सैकड़ों बेटियों और बेटों की पढ़ाई बंद कर उनका सुनहरा भविष्य अंधकारमय कर दिया है।
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