गौतमबुद्धनगर : सरकारी व निजी संस्थाओं में महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न रोकने को आंतरिक समिति अनिवार्य, हर वर्ष रिपोर्ट भी देनी होगी
1 min readगौतमबुद्धनगर, 28 जून।
जिला गौतमबुद्धनगर में प्रशासन ने 10 या उससे अधिक कर्मियों वाले सभी सरकारी व गैरसरकारी संस्थानों में महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न सम्बंधी शिकायतों की जांच के लिए “आन्तरिक समिति” का गठन अनिवार्य रूप से कराए जाने के आदेश जारी किए हैं।
जिला प्रोबेशन अधिकारी गौतम बुद्ध नगर अतुल कुमार सोनी ने जानकारी दी है कि “महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 की अधिनिमय की धारा 4 के क्रम में जनपद स्तर के ऐसे प्रत्येक शासकीय, अर्द्ध शासकीय, अशासकीय (निजी) विभाग, संगठन, उपक्रम, स्थापन, उद्यम, संस्था, शाखा अथवा युनिट में जहाँ कार्मिकों की संख्या 10 अथवा 10 से अधिक है, ऐसे सभी कार्यालयों के नियोजक द्वारा कार्य स्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न सम्बंधी शिकायतों की जांच के लिए “आन्तरिक समिति” का गठन किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि यदि कोई नियोजक अपने कार्यस्थल में नियमानुसार आन्तरिक समिति का गठन न किये जाने पर सिद्ध दोष ठहराया जाता है, तो नियोजक पर 50,000/- रुपए तक का अर्थदण्ड लगाए जाने का प्राविधान है।
उन्होंने यह भी बताया कि सभी नियोजकों द्वारा उक्त अधिनियम की धारा 21 के अन्तर्गत अपनी संस्था / कार्यालय में गठित ‘आन्तरिक समिति” की वार्षिक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से जिलाधिकारी कार्यालय कलेक्ट्रेट सूरजपुर में अवश्य जमा करानी है।
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