इसरो के सेमी कंडक्टर लैबोरेटरी के प्रतिनिधिमंडल ने किया एमिटी विश्वविद्यालय का दौरा
1 min readनोएडा, 26 अगस्त।
एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा शोध और नवोन्मेष के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यो को जानने और संयुक्त रूप से कार्य करने के क्षेत्रों की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए इसरो के मोहाली स्थित सेमी कंडक्टर लैबोरेटरी के तकनीकी विकास विभाग के निदेशक डा सुरिंदर सिंह और प्रमुख डा मनीष कुमार हुड्डा ने गुरुवार को एमिटी विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस अवसर पर एमिटी सांइस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी फांउडेशन फाॅर साइंस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन एलांयस के महानिदेशक डा राजीव शर्मा और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एडवांस रिसर्च एंड स्टडीज के डा वी के जैन ने इसरों के वैज्ञानिको के साथ विभिन्न शोध सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
इसरो के मोहाली स्थित सेमी कंडक्टर लैबोरेटरी के तकनीकी विकास विभाग के निदेशक डा सुरिंदर सिंह ने कहा कि एमिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे अनुसंधान, उपलब्ध आधारभूत संरचना ने काफी प्रभावित किया है और एमिटी के शिक्षकों, शोधार्थियों से मिलना एक बेहतरीन अनुभव रहा है। उन्होनें कहा कि एक ही विषय पर कई संस्थानों पर शोध कार्य चल रहा है अगर आपसी सहयोग को विकसित किया जाये तो कार्य शीघ्र और बेहतर परिणामों के साथ होगा। डा सिंह ने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को इंर्टनशिप के लिए एससीएल आने का आंमत्रण दिया और कहा कि शोध में प्रयोगिक जानकारी का होना आपके अनुभवों में इजाफा करता है।
इसरो के मोहाली स्थित सेमी कंडक्टर लैबोरेटरी के तकनीकी विकास विभाग के प्रमुख डा मनीष कुमार हुड्डा ने कहा कि एमिटी के शोधार्थियों और वरिष्ठ वैज्ञानिकों से मिलकर और उनके शोध कार्यो को जानकर प्रसन्नता हुई।
एमिटी सांइस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी, शोध और नवोन्मेष में सहयोग करने के लिए विभिन्न संस्थानों के साथ आपसी सहयोग को बढ़ावा देते है। किसी भी देश की उन्नती वर्तमान में संचालित शोध और नवोन्मेष पर आधारित होती है। उन्होनें कहा कि हम, मोहाली स्थित सेमी कंडक्टर लैबोरेटरी में शिक्षकों और छात्रों की आवागमन और प्रशिक्षण, छात्रों के लिए एससीएल में 6 माह का शोध प्रबंध कार्य, वित्त पोषित प्रोजेक्ट, शोध पर मार्गदर्शन हेतु एससीएल से बाहरी सह गाइड आदि पर विचार कर रहे है। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न शोध विषय जैसे नैनो मैटेरियल गैस सेंसर, नैनोमैटेरियल के उपयोग से अल्ट्रा प्यूर वाटर प्रोडक्शन या प्यूरिफिकेशन, बायोसेंसर चिप या लैब ऑन चिप का विकास, ऑप्टो इलेक्ट्रोनिक एप्लीकेशन में 2 डी मैटेरियल एप्लीकेशन, एमईएमएस, एनईएमसएस आधारित सेंसर, जीएएन आधारित सीसीडी और आरआई सेंसर पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ नैनोटेक्नोलाॅजी, एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एडं टेक्नोलाॅजी, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एडवांस रिसर्च एंड स्टडीज, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलाॅजी एवं एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इन्र्फोमेशन टेक्नोलाॅजी की प्रयोगशालाओं का दौरा किया। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ स्पेस सांइस एंड टेक्नोलाॅजी के निदेशक डा एम प्रसाद, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एप्लाइड सांइस की निदेशिका डा सुनिता रतन, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ नैनोटेक्नोलाॅजी के निदेशक डा ओ पी सिन्हा उपस्थित थे।
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