केरल में स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं के यहां सीसीटीवी लगाकर उसे जीएसटी कार्यालयों से जोड़ने का देशव्यापी विरोध शुरू
1 min readनई दिल्ली, 8 सितम्बर।
बुधवार को देश के कुछ समाचार पत्रों के द्वारा यह जानकारी प्राप्त हुई कि केरल सरकार को आपके द्वारा स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं के यहां उनके प्रतिष्ठानों के अंदर सीसीटीवी कैमरा लगाकर उनका कंट्रोल लिंक जीएसटी एवं अन्य विभागों के साथ जोड़ने के आदेश दिए गए हैं।
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुशील कुमार जैन ने कहा कि इस तरह के निर्णय से व्यापार की निजता का हनन होता है साथ ही इस तरह के कैमरे आदि लगाने से भारत सरकार के आसानी से व्यापार करने के उद्देश्य (इज ऑफ डूइंग बिजनेस ) का भी हनन होता है साथ ही आजादी के बाद से लगातार रही कांग्रेस सरकार और बीजेपी सरकार द्वारा कभी कोई ऐसा निर्णय किसी व्यापार की प्रति नहीं लिया गया जिसमें व्यापारिक प्रतिष्ठानों को कैमरा आदि लगाकर प्रतिष्ठानों पर आने वाले ग्राहकों उनके द्वारा की जाने वाली खरीद बिक्री आदि निगरानी करने का कोई प्रबंध किया गया हो, निश्चित ही यह व्यापार की गोपनीयता को भंग करना है
पंकज अरोड़ा एवं सुशील कुमार जैन ने संयुक्त रुप से कहा कि व्यापार की इस तरीके से निगरानी, सूचना एकत्र करने , प्रभावित करने, प्रबंधित करने या निर्देशित करने के उद्देश्य से व्यवहार, गतिविधियों या जानकारी की निगरानी है । इस तरह की निगरानी का उपयोग सरकारों द्वारा लोगों की निजता का अनुचित रूप से उल्लंघन करने के लिए किया जा सकता है और नागरिक स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन है।
हम ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन इस दमनकारी नीति की घोर आलोचना करते हैं।
आशा है कि आप विषय की गंभीरता को समझते हुए ऐसे अनुचित आदेशों को वापस लेंगे।
पंकज अरोड़ा एवं सुशील कुमार जैन ने कहा कि श्री राहुल गांधी पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी एवं श्रीमती सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी केरल सरकार की इस तरह के अन्याय पूर्ण निर्णय का संज्ञान लेकर व्यापारियों को अपनी स्थिति स्पष्ट कराएं और इन आदेशों को तुरंत वापस कराएं अन्यथा ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन का प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही राज्यपाल केरल सरकार एवं राष्ट्रपति भारत सरकार एवं वित्त मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण वाणिज्य उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल एवं लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला आदि सभी को इस पत्र द्वारा अवगत भी कराएंगा एवं यथासंभव मुलाकात का समय लेकर सभी से इस संबंध में इस तरह के दमनकारी अन्याय पूर्ण अनैतिक आदेश को वापिस कराने में अपने प्रयास करेगा।
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