नेफोमा में विवाद के बाद कार्यकारिणी ने महासचिव रश्मि पांडेय को निष्काषित किया, संस्था को बदनाम करने का आरोप
1 min readग्रेटर नोएडा, 13 फरवरी।नेफोमा कार्यकारिणी मीटिंग में आज दिनांक 13 फरवरी 2022 को टाइम 12:10 बजे पर सभी सदस्यों के समक्ष यह निर्णय लिया गया कि नेफोमा की महासचिव रश्मि पाण्डेय द्वारा पिछले 4 वर्ष पूर्व बिना सूचना के अपना एनजीओ रजिस्टर्ड करवा कर उसने कार्य कर रही थी जब नेफोमा अध्यक्ष को यह पता चला तो उन्होंने कई बार मना किया नेफोमा और उनके एनजीओ के कार्य एक जैसे हैं लेकिन उनको बार-बार मना करने के बाद भी वह अपनी गतिविधियां चालू रखती हैं जिससे नेफोमा संस्था को काफी हानि पहुंच रही थी ।
दिनांक 16 जनवरी 2022 को गौर इंटरनेशनल स्कूल में नेफोमा सदस्यों ने मीटिंग कर नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान को सर्वसम्मति निर्णय लेकर फ्लेट बायर्स, सोसाइटी निवासियों की लड़ाई को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए निर्दिलीय चुनाव लड़ाने का फैसला किया उस मीटिंग में नेफोमा महासचिव रश्मि पाण्डेय के अलावा अन्य सदस्य उमेश सिंह, राजेंद्र कुमार मंटू, विकास पाण्डेय, अनूप कुमार, मंजुल यादव, संतोष वर्मा, श्याम गुप्ता आदि भी उपस्थित थे उसके पश्चात अन्नू खान को 21 जनवरी 2022 को नॉमिनेशन फाइल कराया गया ।
10 दिन बाद अचानक 31 जनवरी 2022 को नेफोमा महासचिव रश्मि पाण्डेय ने झूठा आरोप लगाकर सभी ग्रुप छोड़ दिए व प्रेस विज्ञप्ति भी की कि नेफोमा संस्था राजनीतिक कार्य कर रही है जबकि यह आरोप सरासर गलत है रश्मि पाण्डेय अपना एनजीओ में कार्य कर रही थी और चुनाव में बिल्कुल सपोर्ट नहीं कर रही थी चुनाव और नेफोमा को नुकसान पहुंचाने के लिए उन्होंने राजनीति दलों से मिलकर भरपूर कोशिश की इसलिए नेफोमा सदस्यों की सहमति से रश्मि पाण्डेय को नेफोमा संस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए आज दिनांक 13 फरवरी 2022 को निष्कासित किया जाता है आज के बाद नेफोमा से रश्मि पाण्डेय का कोई संबंध नहीं है आज के बाद उनका कोई भी बयान व कार्य उनका अपना व्यक्तिगत होगा, नेफोमा नाम पर कोई भी किया गया कार्य मान्य नहीं होगा ।
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