महर्षि दयानन्द सरस्वती की जयंती हर वर्ष राष्ट्रीय यज्ञ दिवस के रूप में मनाई जाएगी
1 min readगौतमबुद्धनगर, 27 फरवरी।
महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती के अवसर पर विश्व शांति युद्धों से मुक्त दुनिया के लिए 101 कुंडीय महायज्ञ रविवार को बम्बावड गांव में आयोजित किया गया।
महर्षि दयानंद सरस्वती के 198 वे जन्मदिवस पर महात्मा हंसराज आदर्श विद्यालय बंबावड़ में धूमधाम से संपन्न हुआ 101 कुंडीय महायज्ञ जिला आर्य समाज ने एक स्वर से यह प्रस्ताव पारित किया कि प्रत्येक वर्ष महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती राष्ट्रीय यज्ञ दिवस के रूप में मनाई जाएगी महामहिम राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के नाम इस मांग को लेकर ज्ञापन भी दिया गया साथ ही विश्व शांति की भी कामना वेद मंत्रों से की गई सैकड़ों अतिथियों को वैदिक साहित्य सत्यार्थ प्रकाश ग्रंथ निशुल्क भेंट किया गया। वर्तमान में विश्व में चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध मानवता के हित में शीघ्र समाप्त हो इसकी भी कामना की गई 151 कलशो के साथ 2 किलोमीटर लंबी ग्राम बंबावड़ से लेकर कार्यक्रम स्थल तक वेद तीर्थ यात्रा भी निकाली गई। सैकड़ों परिवारों को दैनिक यज्ञ करने का प्रशिक्षण दिया गया इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु सैकड़ों यजमान परिवार उपस्थित रहे गुरुकुल मुर्शदपुर ग्रेटर नोएडा गुरुकुल लाल कुआं गाजियाबाद के ब्रह्मचारीयो ने वेद विद्या का प्रदर्शन किया सस्वर वेद पाठ किया योग व्यायाम कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन आर्य सागर खारी कार्यक्रम की अध्यक्षता रामेश्वर सरपंच संयोजन अध्यक्षजिला आर्य प्रतिनिधि महेंद्र आर्य ने किया इस अवसर पर आयोजक मंडल की तरफ से दिवाकर आर्य रविंदर आर्य विक्रम देव शास्त्री विजेंदर आर्य चरण सिंह आर्य राकेश यादव स्वामी प्राण देव कार्यक्रम के ब्रह्मा मोहनदेव जी डॉ राकेश कुमार आर्य शिवकुमार आर्य पंडित महेन्द्र कुमार आर्य मूलचंद आर्य धर्मवीर आर्य सागर खारी कर्मवीर आर्य धर्ममुनि जी जनपद दीवानी न्यायालय फौजदारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील भाटी सहित सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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महर्षि दयानंद सरस्वती ने 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की। आर्य समाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक प्रगति है।
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