मैथिली कवि व गीतकार 90 वर्षीय रविन्द्र नाथ ठाकुर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया
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-महोत्सव के रूप में मनाया, रविन्द्र सांस्कृतिक संध्या,
-5 करोड़ मैथिली भाषियों की संस्थाओं ने दिया रविन्द्र जी को लाइफटाइम अचिवमेन्ट अवार्ड नोएडा
-अभिनव विध्यापति के नाम से अलंकृत मैथिली भाषा के सर्वाधिक लोकप्रिय गीतकार एवम कवि रविन्द्र नाथ ठाकुर को मिथिला के समस्त संस्थाओं ने मिलकर लाइफ टाइम अचिवमेन्ट अवार्ड से सम्मानित किया।
नोएडा, 18 अप्रैल।
समग्र मैथिल समाज द्वारा नॉएडा स्थित एन.ई.ए के सभागार में कार्यकर्म का आयोजन किया गया अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि एवम मैथिली के कवि तथा पूर्व आई ए एस मन्तत्रेश्वर झा ने रविन्द्र झा को विध्यापति के बाद मिथिला का सर्वश्रेष्ठ गीतकार बताया जिनकी अनेक रचनाए कालजयी है झा ने कहा की जब तक मिथिला है और मैथिली भाषा है तब तक रविन्द्र जी का नाम मैथिली भाषियों के हृदय में विराजमान रहेगा। कार्यकर्म की अध्यक्षता हिंदी एवम मैथिली के ख्यातिप्राप्त गीतकार एवम कवि बुधिनाथ मिश्र ने अपने अध्यक्षीय उदगार में कहा कि रविन्द्र जी मैथिली गीत के युगपुरुष है. मिश्र ने कहा की रविन्द्र जी का सम्मान एक युग को सम्मान करने के बराबर है ये मिथिला के लिविंग लीजेंड है तथा मुझ जैसे कवियों के लिए पथ प्रदर्शक है और प्रेरणास्रोत। मैथिली के विद्वान् समीक्षक एवम आलोचक जे.एन.यु दिल्ली से पधारे डॉ देवशंकर नवीन ने कहा की रविन्द्र जी की रचनाओ पर विभिन्न विश्वविद्यालयों में अलग से श्रोद होना चाहिए क्यूकि वे अपने आप में एक संस्थान है उन्होंने वर्ष 1951 से 1965 तक कई एसी रचनाए की जो समस्त मैथिल समाज के लिए प्रेरणादायक है. कवियत्री श्रीमती सविता झा खा ने रविन्द्र जी को युगद्रष्टा बताया युवा कवियत्री सुश्री संकृति मिश्र ने उन्हें मिथिला की धरोहर कहा जो आज भी युवा पीढ़ी के कवियों के लिए महान पथपर्दर्शक और प्रेरणा के श्रोत है
इस अवसर पर रविन्द्र जी द्वारा रचित पद्यसंग्रह रविन्द्रपद्यावली का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में उनके द्वारा रचित कई लोकप्रिये गीत गाये गये जिसमे अजय अनुपम सतिश अर्पित, हेमंत झा, लीलू मिश्रा, जितेन्द्र नाथ ठाकुर आदि कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से समा बांध दिया. रविन्द्र जी के सम्मान में सखी बहिनपा समूह के कलाकारों ने स्वागत गीत खा कर सबको भावविभोर कर दिया. सांकृतिक कार्यक्रम के अंत में जनगणना पर आधरित लघु नाटिका का मंचन किया गया. लेखके मणिअमरूपी तथा निर्देशन डा० प्रकाश झा ने किया. यह नाटय संस्था मेलोरक की प्रस्तुति थी।
अखिल भारतीय मिथिला संग नई दिल्ली विश्व मैथिल संग बुराड़ी मिथलांचल जन कल्याण समिति नॉएडा, मैथिली साहित्य महासभा (मेहशाम, माया फाउंडेशन नई दिल्ली) मिथिला यूनाइटेड फेडराशन नई दिल्ली सहित मिथिला के समस्त संस्थाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री विध्या नन्द ठाकुर श्री तपन झा. श्री हेमंत झा श्री अनिल झा, श्री मदन कुमार झा, श्री अखिलेश मिस्र श्रीमती छाया झा अभा झा, रितु ठाकुर, गिन्नी झा. पूजा झा ज्योति झा राहुल झा, बोधकृष्ण सुबोध झा इंद्रनाथ मिस्र, मणि अमरूपी, तलित झा आदि की प्रमुख भूमिका थी.
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