उत्तर प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत बीए बीकॉम और बीएससी में ग्रेडिंग सिस्टम होगा लागू
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लखनऊ , 20 अप्रैल।
उत्तर प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम शैक्षिक सत्र 2021-22 में कर दिए गए हैं। अब स्नातक के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में शासनादेश 13.07.2021 द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किये गये
अपर मुख्य सचिव एस मोनिका गर्ग ने यह पत्र जारी किया है। इसमे सभी विश्वविद्यालयों में समान व्यवस्था तथा विद्यार्थियों का एक विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय / महाविद्यालय में ABACUS-UP के द्वारा स्थानान्तरण किये जाने के दृष्टिगत स्टीयरिंग कमेटी द्वारा यू०जी०सी० के दिशा निर्देशों पर आधारित NEP 2020 के अन्तर्गत बी0ए0, बी०एस०सी० एवं बी०कॉम० के प्रथम तीन वर्ष हेतु ग्रेडिंग प्रणाली लागू किये जाने के सम्बन्ध में सुझाव दिये गये हैं। विश्वविद्यालय इन पर विचार करना चाहें तथा सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करके NEP-2020 के अन्तर्गत बी०ए० बी०एस०सी० एवं बी०कॉम० के प्रथम तीन वर्ष हेतु ग्रेडिंग प्रणाली लागू करना सुनिश्चित करें।
ऐसी होगी ग्रेडिंग प्रणाली
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 स्नातक स्तर पर सत्र 2021-22 से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों में लागू की गई है। इस हेतु शासनादेश संख्या 1567 / सत्तर-3 2021-16 (26)-2011 टी.सी. दिनांक 13 जुलाई 2021 के संदर्भ में सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक ग्रेडिंग प्रणाली की आवश्यकता है, जिससे सभी विश्वविद्यालयों में समान व्यवस्था हो तथा विद्यार्थी का एक विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय / महाविद्यालय में ABACUS UP के द्वारा स्थानांतरण किया जा सके। अतः स्टीयरिंग कमेटी द्वारा प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में निम्नलिखित 10 पॉइंट ग्रेडिंग प्रणाली लागू किये जाने की संस्तुति की गयी है, जो यूजीसी के दिशा निर्देशो पर आधारित है।
तलिका-1 (Table-1)
लेटर ग्रेड
A विवरण अंको की सीमा ग्रेड पॉइंट Outstanding Excellent
10
9
91-100
81-90
A B
B
Very good
Good
71-80
61-70
51-60
8
7
6
Above Average
41-50
33-40
C
P
Average Pass.
5
4
F
AB
Fail
0-32
Absent
0
0
Absent.
Qualified Not Qualified
2. उत्तीर्ण प्रतिशत
NQ
2.1 Qualifying पेपर्स में Qualified के लिए Q ग्रेड तथा Not Qualified के लिए NQ ग्रेड दिया जायेगा।
2.2 उपरोक्त तालिका में मुख्य एवं माइनर विषयों का प्रत्येक कोर्स / पेपर ( थ्योरी एवं प्रेक्टिकल सभी) Credit course है तथा इन सभी का उत्तीर्ण प्रतिशत अब तक प्रचलित 33 प्रतिशत ही होगा।
2.3 छः सह-पाठ्यक्रम कोर्स (co-curricular courses) तथा तृतीय वर्ष में लघु शोध (Minor project) Qualifying हैं तथा इनके उत्तीर्णांक 40% होगें।
2.4 चार कौशल विकास कोर्स (Skill development / Vocational courses) भी Credit course हैं तथा इनके उत्तीर्णांक भी 40% ही होगें शासनादेश संख्या 2058 / सत्तर-3-2021-08(33) 2020 टी. सी. दिनांक 26 अगस्त 2021 में प्रदान की गई व्यवस्था के अनुक्रम में कौशलविकास / रोजगार परक कोर्स / पेपर का मूल्यांकन कुल पूर्णांक 100 में से होगा, जिनमें से प्रशिक्षण / ट्रेनिंग / प्रैक्टिकल आधारित कार्य का मूल्यांकन 60 अंकों में से होगा तथा सैद्धांतिक (Theory) आधारित कार्य का मूल्यांकन 40 अंकों में से होगा। कौशल विकास कोर्स / पेपर में कुल पूर्णांक 100 में से न्यूनतम उत्तीर्णांक 40 होंगे । प्रशिक्षण / ट्रेनिंग एवं सैद्धांतिक (Theory) में अलग-अलग कोई न्यूनतम उत्तीर्णांक नहीं होंगे ।
2.5 सभी विषयों के मुख्य / माइनर / सह-पाठ्यक्रम / लघु शोध के प्रत्येक कोर्स / पेपर ( थ्योरी एवं प्रेक्टिकल सभी) में अधिकतम अंक 100 में से प्राप्तांकों की गणना 25 अंकों के सतत् आन्तरिक मूल्यांकन व 75 अंकों की विश्वविद्यालय (बाह्य) परीक्षा में प्राप्त अंकों को जोड़ कर की जायेगी।
2.6 मुख्य एवं माइनर विषयों के प्रत्येक कोर्स / पेपर ( थ्योरी एवं प्रेक्टिकल सभी) में उत्तीर्ण होने हेतु (अ) विश्वविद्यालय की परीक्षा में अधिकतम 75 अंकों में से न्यूनतम 25 अंक ( 75 का 33 प्रतिशत) लाने आवश्यक होंगे तथा (ब) आन्तरिक एवं बाह्य परीक्षाओं में कुल मिलाकर न्यूनतम 33 अंक प्राप्त करने होंगे।
2.7 सह-पाठ्यक्रम / लघु शोध विषयों के प्रत्येक कोर्स / पेपर ( थ्योरी एवं प्रेक्टिकल सभी) में उत्तीर्ण होने हेतु (अ) विश्वविद्यालय की परीक्षा में अधिकतम 75 अंकों में से न्यूनतम 30 अंक ( 75 का 40 प्रतिशत) लाने आवश्यक होंगे तथा (ब) आन्तरिक एवं बाह्य परीक्षाओं
में कुल मिलाकर न्यूनतम 40 अंक प्राप्त करने होंगे। 2.8 किसी भी कोर्स / पेपर के आन्तरिक मूल्यांकन में कोई भी न्यूनतम उत्तीर्ण प्रतिशत नहीं
है। यदि किसी विद्यार्थी को आन्तरिक मूल्यांकन में शून्य अंक व बाह्य परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक 33 (मुख्य एवं माइनर विषयों में) अथवा 40 (सह-पाठ्यक्रम / लघु शोध विषयों में) प्रतिशत अंक मिलते हैं, तब भी वह उत्तीर्ण होगा। आन्तरिक मूल्यांकन में पूर्ण अनुपस्थिति पर भी शून्य अंक ही मिलेगें ।
2.9 किसी भी प्रकार के कृपांक (Grace marks) नहीं दिये जायेगें।
3. कक्षोन्नति (Promotion)
3.1 विद्यार्थी को वर्तमान विषम (Odd) सेमेस्टर से अगले सम (Even) सेमेस्टर में सदैव प्रोन्नत किया जायेगा, चाहे वर्तमान विषम सेमेस्टर का परिणाम कुछ भी हो।
3.2 वर्तमान सम सेमेस्टर से अगले विषम सेमेस्टर अर्थात वर्तमान वर्ष से अगले वर्ष में प्रोन्नति
निम्न शर्तों के साथ दी जायेगी :(अ) विद्यार्थी ने वर्तमान वर्ष ( दोनों सेमेस्टर मिलाकर) के कुल आवश्यक (required) क्रेडिट्स का न्यूनतम 50% क्रेडिट के पेपर्स (थ्योरी एवं प्रेक्टिकल मिलाकर) उत्तीर्ण कर लिए हों तथा (ब) विद्यार्थी ने वर्तमान वर्ष (दोनों सेमेस्टर) के Major विषयों (तीन मुख्य विषय प्रथम व द्वितीय वर्ष में तथा दो मुख्य विषय तृतीय वर्ष में) के सभी पेपर्स ( थ्योरी एवं प्रेक्टिकल मिलाकर) के कुल क्रेडिट्स का न्यूनतम 50% क्रेडिट के पेपर्स उत्तीर्ण कर लिए हों। 50% क्रेडिट की गणना करने में दशमलव के बाद के अंक नहीं गिने जाएंगे, जैसे कि 27.6 तथा 27.3 को 27 ही माना जाएगा।
3.3 द्वितीय वर्ष से तृतीय वर्ष में प्रोन्नति के लिए प्रथम वर्ष के आवश्यक (required) 46 क्रेडिट्स के सभी (मुख्य / माइनर / स्किल इत्यादि) पेपर्स तथा Qualifying (सह-पाठ्यक्रम) पेपर्स को उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा।
4. बैक पेपर अथवा सुधार (Improvement) परीक्षा
4.1 आन्तरिक परीक्षा में बैक पेपर अथवा सुधार (Improvement) हेतु परीक्षा नहीं होगी। केवल
पूर्ण सेमेस्टर को बैक परीक्षा के रूप में दोबारा देने की स्थिति में विश्वविद्यालय परीक्षा के
साथ आन्तरिक मूल्यांकन भी किया जा सकता है। किंतु एक विद्यार्थी दो पूर्ण सेमेस्टर्स की संपूर्ण परीक्षाएं एक साथ नहीं दे सकेगा। 4.2 विद्यार्थी को बैक पेपर अथवा सुधार (Improvement) की सुविधा सम (विषम ) सेमेस्टर्स के
पेपर्स के लिए सम (विषम) सेमेस्टर्स में ही उपलब्ध होगी।
4.3 विद्यार्थी को बैक पेपर अथवा सुधार (Improvement) हेतु परीक्षा के लिए कोर्स / पेपर तथा उसका पाठ्यक्रम (Syllabus) वही होगा जो उस वर्तमान सेमेस्टर जिसमें वह परीक्षा दे रहा है, में उपलब्ध होगा।
4.4 विद्यार्थी बैक पेपर अथवा सुधार (Improvement) हेतु किसी भी कोर्स / पेपर की विश्वविद्यालय (बाह्य) परीक्षा काल बाधित ना होने तक, चाहे कितनी भी बार दे सकता है। किंतु यह व्यवस्था वर्तमान वर्ष से केवल 1 वर्ष पहले के पेपर्स के लिए ही उपलब्ध होगी।
5. काल अवधि
किसी भी एक वर्ष को पूरा करने की अधिकतम अवधि तीन वर्ष होगी। व्याख्या: – ( Explanation) यदि विद्यार्थी सततता में तीनों वर्ष की पढ़ाई करता है, तो उसे अधिकतम नौ वर्ष मिलेगें। किन्तु यदि विद्यार्थी किसी एक वर्ष का सर्टिफिकेट / डिप्लोमालेकर चला जाता है, तो वह बाकी के वर्षों की पढ़ाई दोबारा शुरू करने के लिए कभी भी वापस आ सकता है तथा उसे आगे के वर्षों की पढ़ाई पूरा करने के लिए तीन वर्ष ( प्रति एक वर्ष की पढ़ाई) के मिलेगें ।
6. CGPA की गणना
6.1 SGPA एवं CGPA की गणना निम्नवत सूत्रों से की जाएगी:
jth सेमेस्टर के लिए
यहाँ परः
Ci number of credits of the ith course in jth SGPA (Sj) =2(Cix Gi) semester. Gi= grade point scored by the student in the ith course in jth semester.
ECi
यहाँ परः
CGPA = [(Cj x Sj) /2Cj
Sj= SGPA of the jth semester.
Cj = total number of credits in the jth semester.
6. 2 CGPA को प्रतिशत अंको में निम्नलिखित सूत्र के अनुसार परिवर्तित किया जायेगा: समतुल्य प्रतिशत =CGPA x 9.5
6.3 विद्यार्थियों को निम्नवत सारणी के अनुसार श्रेणी ( Division) प्रदान की जाएगी
तलिका – 2 ( Table-2)
श्रेणी प्रथम श्रेणी
वर्गीकरण
6.50 अथवा उससे अधिक तथा 10.00 से कम
CGPA
द्वितीय श्रेणी
5.00 अथवा उससे अधिक तथा 6.50 से कम
CGPA
तृतीय श्रेणी
4.00 अथवा उससे अधिक तथा 5.00 से कम CGPA
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