अग्निपथ योजना के विरोध में भारत बन्द का नोएडा में कोई असर नही, खुले रहे बाजार-एस के जैन
1 min readनोएडा, 20 जून।
सेक्टर 18 मार्किट ऐसोसिएशन नोएडा के अध्यक्ष एवं संयोजक कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स , दिल्ली एन सी आर सुशील कुमार जैन ने कहा कि कि व्यापारियों ने अग्निपथ योजना को लेकर चल रहे विरोध में भारत बंद का समर्थन नही किया।
आज पूरे देश के बाजार खुले रहे. हम हिंसात्मक प्रदर्शन की निंदा करते है एवं किसी भी तरहाॅ के सड़क रोकने अथवा व्यापा, को प्रभावित करने वाले गलत कार्यो का विरोध करते है। सुशील कुमार जैन ने कहा कि देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना ठीक नही है। अपना विरोध जताने के लिये शांतिपूर्ण धरने प्रदर्शन करने चाहिये किसी भी तरहाॅ से रोजमर्रा के कार्यो एवं जीवन यापन हेतु कार्यो मे वाधा नही डालनी चाहिये।
सुशील कुमार जैन ने कहा कि हम भारत बंद का समर्थन नहीं करते। सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है किन्तु विरोध शांतिपूर्वक होना चाहिये।
पिछले दिनों सरकार की तरफ से शुरू की गई अग्निपथ योजना का विरोध कई संगठनों की तरफ से किया जा रहा है।इस योजना के विरोध में आज भारत बंद का आह्वान किया गया है. सुशील कुमार जैन ने कहा कि कोई भी व्यापारी संगठन इस बंद का समर्थन नहीं करता है. ऐसे में आज नोएडा सहित देश के अन्य बाजार खुले रहे और रोजाना की तरह कामकाज चलता रहा. वर्तमान में जुलाई तक शादियों का सीजन चल रहा है जिससे व्यापार में गति भी हो रही है तथा व्यापार पटरी पर लौट रहा है. ऐसे में किसी भी तरह का बंद व्यापारियों के लिए लाभदायक नहीं है.
सुशील कुमार जैन ने कहा की कोविड के बाद अब धीरे धीरे बाजारों में कारोबार शुरू हुआ है , ऐसे में व्यापारियों की प्राथमिकता केवल व्यापार करने में है. वर्तमान समय में किसी भी प्रकार का आंदोलन अथवा भारत बंद व्यापारियों के हित में बिल्कुल भी नहीं है. बड़ी मुश्किल से व्यापार बापिस पटरी पर आने की ओर है दो साल के कोविड महामारी से व्यापार को पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है। ऐसे मे यदि बंद ही करना होगा तो व्यापारी अपनी उन अनेक समस्याओं पर बंद करेंगे जिनसे वो लगातार जूझ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा की यदि किन्ही लोगों को अग्निपथ योजना से विरोध है तो उन्हें इस मामले सरकार के सामने अपना पक्ष रखना चाहिए न की बिना सोचे समझे सीधे आंदोलन करना चाहिये और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना चाहिए।
सरकार जो अग्निपथ योजना लायी है उसके लिये सरकार से उचित मंच पर बात करनी चाहिये उसमे यदि कोई आपत्ति है तो जो सुझाव है वह सरकार को देने चाहिये। देश मे किसी भी मुद्दे को लेकर अशांति फैलाना ठीक नही है। सरकारी सम्पत्ति को तो बिल्कुल भी नुकसान नही पहुंचाना चाहिये।
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