गौतमबुद्धनगर : फ्लैटों की रजिस्ट्री में शासन के आदेश की बिल्डरों ने की अनदेखी, डीएम ने गुरुवार को बुलाई महत्वपूर्ण बैठक

-बिल्डर्स द्वारा फ्लैट रजिस्ट्री में लापरवाही पर प्रशासन सख्त, 15 मई को डीएम की अध्यक्षता में बैठक

नोएडा, 14 मई।

गौतमबुद्ध नगर के बिल्डर्स द्वारा ओसी (ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट) एवं सीसी (कम्पलीशन सर्टिफिकेट) प्राप्त फ्लैट्स की रजिस्ट्री न कराए जाने पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। इस संबंध में सहायक आयुक्त स्टाम्प-प्रथम एवं सहायक महानिरीक्षक निबंधन, गौतमबुद्ध नगर, बी.एस. वर्मा द्वारा संबंधित बिल्डर्स को नोटिस जारी करते हुए 15 मई को कलेक्ट्रेट में होने वाली बैठक में उपस्थित रहने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि 15 सितंबर 2022 को उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए गए थे कि जिन प्रकरणों में बिल्डर्स द्वारा फ्लैट का कब्जा दे दिया गया है लेकिन सब-लीज डीड (रजिस्ट्री) अब तक नहीं कराई गई है, वहां लाभ और हानि से संबंधित सूचना सहित नोटिस जारी किए जाएं। इसी क्रम में संबंधित विभाग द्वारा समय-समय पर बिल्डर्स को नोटिस भेजे गए, लेकिन अधिकांश बिल्डर्स ने न तो संतोषजनक जवाब दिया और न ही रजिस्ट्री की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया। बिल्डर्स की इस लापरवाही के चलते फ्लैट खरीदारों को कानूनी अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे वे विभिन्न सरकारी योजनाओं, ऋण और अन्य सुविधाओं से वंचित रह जा रहे हैं।

ऐसे मामलों में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सभी पक्षों बिल्डर्स, प्राधिकरण, स्टाम्प एवं निबंधन विभाग तथा आवंटी — को बुलाकर चर्चा की गई थी। बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि एक माह के भीतर सभी बिल्डर्स को रजिस्ट्री का कार्य पूरा करना होगा। हालांकि 9 मई 2025 तक इस दिशा में कोई अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है। नतीजतन, न सिर्फ खरीदार परेशान हैं, बल्कि शासन-प्रशासन की छवि भी प्रभावित हो रही है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अब 15 मई 2025 को अपराह्न 1 बजे कलेक्ट्रेट सभागार, सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा में पुनः बैठक बुलाई गई है, जिसकी अध्यक्षता स्वयं जिलाधिकारी करेंगे।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस बैठक में अनुपस्थित रहने या असहयोगात्मक रवैया अपनाने वाले बिल्डर्स के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फ्लैट खरीदारों को न्याय दिलाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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