प्राधिकरण की टीम सुबह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। करीब दो घंटे की कार्रवाई में अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध जताने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। प्राधिकरण ने अब इस जमीन की सुरक्षा के लिए चारों ओर पिलर लगाकर फेंसिंग शुरू कर दी है, ताकि भविष्य में दोबारा अतिक्रमण न हो। जमीन का महत्व
यह जमीन नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आती है और इसका उपयोग ग्रीन बेल्ट या सार्वजनिक सुविधाओं के लिए प्रस्तावित है। अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में सरकारी जमीन की कीमत पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है, जिसके कारण भूमाफिया इसे निशाना बनाते हैं। प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि ऐसी अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। प्राधिकरण की रणनीति
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. लोकेश एम ने कहा, “सरकारी जमीन पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी टीमें लगातार ऐसे मामलों की निगरानी कर रही हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” प्राधिकरण ने हाल ही में सोरखा और आसपास के गांवों में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान तेज किया है। इससे पहले अप्रैल 2024 में भी सोरखा में 30 करोड़ रुपये की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था।
आगे की योजना
प्राधिकरण ने सोरखा जाहिदाबाद सहित अन्य गांवों में अतिक्रमण की स्थिति का सर्वे शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही अन्य खसरा नंबरों पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा, प्राधिकरण डिजिटल मैपिंग और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग कर अवैध कब्जों की पहचान कर रहा है। यह कार्रवाई नोएडा में सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।