खास खबर : जानिए कब शुरू होगा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे ?

नई दिल्ली/ नोएडा। (नोएडा खबर डॉट कॉम)
बहुप्रतीक्षित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जुलाई 2025 तक 95% पूरा हो चुका है, और यह परियोजना अगस्त 2025 तक पूरी तरह चालू होने की राह पर है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा ने हाल ही में बागपत में निरीक्षण के दौरान इसकी पुष्टि की। यह 213 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे दिल्ली से देहरादून की यात्रा को 6-7 घंटों से घटाकर मात्र 2.5 घंटों में पूरा करने का वादा करता है। इस एक्सप्रेस वे को लेकर एक चर्चा यह है कि इसका उद्घाटन दिसम्बर 2025 तक ही कराया जाए। साथ ही कुछ अधिकारी इस बात पर सहमत है कि इसके कुछ हिस्से को 15 अगस्त से पहले शुरू कराया कराया जाए।

इंफ्रास्ट्रक्चर की प्रगति:
चरणबद्ध निर्माण:
यह एक्सप्रेसवे चार चरणों में बनाया जा रहा है। पहला चरण (अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक, 32 किमी) और दूसरा चरण (ईपीई से सहारनपुर बाईपास तक, 118 किमी) लगभग पूरे हो चुके हैं। तीसरा चरण (सहारनपुर से गणेशपुर, 41 किमी) और चौथा चरण (गणेशपुर से देहरादून, 19 किमी) भी अंतिम चरण में हैं।

एलिवेटेड कॉरिडोर और वन्यजीव संरक्षण:

राजाजी नेशनल पार्क में 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड वन्यजीव कॉरिडोर बनाया गया है, जो एशिया का सबसे लंबा है। इसमें 6 पशु अंडरपास, 2 हाथी अंडरपास, और 13 छोटे पुल शामिल हैं, जो वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करते हैं।

डाटकाली टनल और फ्लाईओवर:

देहरादून में 340 मीटर लंबी तीन लेन वाली डाटकाली टनल और डाटकाली मंदिर के लिए नया क्रॉस फ्लाईओवर बनाया गया है। फ्लाईओवर का निर्माण मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन यह अब जुलाई में अंतिम रूप ले चुका है।

स्मार्ट सुविधाएं:

एक्सप्रेसवे पर 113 अंडरपास, 5 रेलवे ओवरब्रिज, और 76 किमी लंबी सर्विस रोड बनाई गई है। स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) के तहत कैमरे स्पीड पर नजर रखेंगे, और तेज गति पर ऑनलाइन चालान कटेगा। सोलर एनर्जी पैनल्स और ग्रीन बेल्ट भी इसकी विशेषताएं हैं।

अब तक की अपडेट:
दिल्ली से बागपत तक 32 किमी के दो सेक्शन का सेफ्टी ऑडिट केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) द्वारा पूरा हो चुका है। अप्रैल 2025 में इसका उद्घाटन प्रस्तावित था, लेकिन अब पूरे एक्सप्रेसवे को एक साथ खोलने की योजना है। चौथे चरण का 3.4 किमी हिस्सा (डाटकाली टनल से आशारोड़ी) पहले ही चालू हो चुका है।

चुनौतियां और विवाद:

जून 2025 की पहली बारिश में एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें सामने आईं, जिसके लिए विपक्ष ने सरकार की आलोचना की।
बडगांव में गंगनहर पुल के गार्डर गिरने की घटना (मार्च 2025) में तकनीकी खामियां सामने आईं, जिससे दो मजदूर घायल हुए।
राजाजी नेशनल पार्क में 11,000 पेड़ काटे जाने के कारण पर्यावरणविदों का विरोध रहा, लेकिन 40,000 पेड़ लगाने की योजना शुरू की गई है।

लागत और प्रभाव:

कुल लागत: लगभग 13,000 करोड़ रुपये।
यह भारतमाला परियोजना का हिस्सा है, जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखंड को जोड़ेगा, जिससे पर्यटन (हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी) और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
दिल्ली में प्रवेश और निकास पर कोई टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त राहत मिलेगी।
उद्घाटन की संभावना:
आधिकारिक सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त 2025 से पहले इस एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्से का उद्घाटन कर सकते हैं। NHAI ने ब्यूटीफिकेशन, साइनेज, और पेंटिंग कार्यों को लगभग पूरा कर लिया है।

नोएडा खबर की खास रिपोर्ट

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