

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) ने अपना 36वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि क्षेत्र पूरी दुनिया का पेट भरने में सक्षम है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उपकार और कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों से अनुसंधान में पूर्ण योगदान देकर किसानों की खुशहाली सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
उपकार के अध्यक्ष व राज्य मंत्री कैप्टन विकास गुप्ता ने बताया कि 1989 में स्थापित यह स्वायत्तशासी संस्था कृषि अनुसंधान, शिक्षा और प्रसार के क्षेत्र में किसानों की समृद्धि के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5 कृषि विश्वविद्यालय (एक निर्माणाधीन), 1 पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, 89 कृषि विज्ञान केंद्र और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 15 संस्थान कार्यरत हैं। ये संस्थाएं खाद्य व पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उपकार नोडल संस्था के रूप में समन्वय, क्षेत्र-विशेष समस्याओं का समाधान और योजनाओं के निर्धारण में सक्रिय है।कैप्टन गुप्ता ने बताया कि उपकार ने काला नमक चावल की प्रजातियों के उन्नयन, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए आकस्मिक योजनाएं और मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम को लागू किया है। पिछले 36 वर्षों में उपकार ने नई किस्मों, तकनीकों और यंत्रों के विकास से कृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने की, जबकि राज्यमंत्री (उद्यान) दिनेश प्रताप सिंह और राज्यमंत्री (कृषि) बलदेव सिंह औलख विशिष्ट अतिथि रहे। आयोजन में कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव (कृषि), विश्वविद्यालयों के कुलपति, शोध व प्रसार निदेशक, आईसीएआर संस्थानों के निदेशक, कृषि विज्ञान केंद्रों के अध्यक्ष, एफपीओ प्रतिनिधि और प्रगतिशील किसान शामिल हुए।डॉ. ए.के. सिंह, कुलपति, आरएलबीसीएयू, झाँसी ने “बुंदेलखंड में कृषि की संभावनाएँ” पर व्याख्यान दिया। उपकार के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।