लखनऊ। नोएडा खबर डॉट कॉम
उत्तर प्रदेश सरकार ने 1989 बैच के वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। गोयल ने मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का स्थान लिया, जिनका कार्यकाल 31 जुलाई 2025 को समाप्त हो गया।
गोयल, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे विश्वासपात्र अधिकारियों में से एक माने जाते हैं, पिछले आठ वर्षों से मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव (एडिशनल चीफ सेक्रेटरी) के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। उनकी नियुक्ति को योगी सरकार की प्रशासनिक नीतियों की निरंतरता और मजबूती का संकेत माना जा रहा है।
शशि प्रकाश गोयल का प्रशासनिक सफर
शशि प्रकाश गोयल का जन्म 20 जनवरी 1967 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने गणित में स्नातक और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) से मास्टर ऑफ कंप्यूटर साइंस (MCA) में डिप्लोमा प्राप्त किया। 1989 के सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले गोयल ने अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत 21 अगस्त 1989 को उत्तर प्रदेश कैडर में IAS अधिकारी के रूप में की।
उनके करियर की शुरुआत इटावा में सहायक मजिस्ट्रेट के रूप में हुई, जहां उन्होंने 1990 से 1991 तक सेवा दी। इसके बाद, उन्होंने मथुरा में संयुक्त मजिस्ट्रेट (1991-1993) और मेरठ में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्य किया। गोयल ने कई जिलों में जिलाधिकारी के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं, जिनमें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां शामिल थीं। इसके अलावा, वे लखनऊ में उत्तर प्रदेश विकास प्रणाली निगम (UPDESCO) के प्रबंध निदेशक रहे।
गोयल ने राज्य सरकार में कई विभागों में सचिव के रूप में कार्य किया, जिनमें सिंचाई और कार्यक्रम कार्यान्वयन शामिल हैं। केंद्र सरकार में भी उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2017 में, जब योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला, गोयल को केंद्र से वापस बुलाकर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव नियुक्त किया गया। तब से वे मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत रहे, साथ ही नागरिक उड्डयन, संपदा, और प्रोटोकॉल विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 2020 में, उन्हें अपर मुख्य सचिव के रैंक में पदोन्नत किया गया।
योगी सरकार में गोयल की भूमिका
शशि प्रकाश गोयल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सबसे भरोसेमंद अधिकारी माना जाता है। 2017 से लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय में उनकी उपस्थिति ने उन्हें “मिनी सीएम” और “सुपर सीएम” जैसे उपनाम दिलाए। योगी सरकार की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं, जैसे डबल इंजन सरकार के तहत विकास कार्य, कानून-व्यवस्था में सुधार, और उच्च शिक्षा में हिंदी को बढ़ावा देने की पहल में उनकी अहम भूमिका रही है।
उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में सभी महत्वपूर्ण फाइलों और परियोजनाओं का प्रबंधन करने का दायित्व सौंपा गया था। सूत्रों के अनुसार, गोयल की कार्यशैली तेज, पारदर्शी, और परिणामोन्मुखी रही है, जिसने उन्हें योगी सरकार में एक समानांतर शक्ति केंद्र बनाया। 2021 में, उन्हें केंद्र सरकार में सचिव स्तर के पद के लिए सूचीबद्ध किया गया था, और हाल ही में उनके केंद्र में सचिव के रूप में नियुक्ति की चर्चा थी, लेकिन उन्होंने लखनऊ में रहकर उत्तर प्रदेश की सेवा जारी रखने का फैसला किया।
मुख्य सचिव के रूप में चुनौतियां
और अपेक्षाएं
मुख्य सचिव के रूप में शशि प्रकाश गोयल के सामने कई चुनौतियां हैं। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की सफलता को आगे बढ़ाने, और कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने की जिम्मेदारी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल होगी। इसके अलावा, 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले योगी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
गोयल की नियुक्ति को लेकर लखनऊ के सत्ता गलियारों में उत्साह है। उनकी वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए माना जा रहा है कि वे जनवरी 2027 तक अपने कार्यकाल में स्थिरता और दक्षता लाएंगे।
सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रियामुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोयल की नियुक्ति पर बधाई देते हुए कहा, “शशि प्रकाश गोयल एक अनुभवी और समर्पित अधिकारी हैं, जिनका प्रशासनिक अनुभव उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।” वहीं, विपक्षी दलों ने इस नियुक्ति को योगी सरकार के “विश्वासपात्रों को बढ़ावा देने” की रणनीति का हिस्सा बताया, लेकिन गोयल की योग्यता पर कोई सवाल नहीं उठाया।
निष्कर्ष
शशि प्रकाश गोयल की मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में एक नया अध्याय शुरू करती है। उनकी प्रशासनिक क्षमता, योगी सरकार के साथ मजबूत समन्वय, और दीर्घकालिक अनुभव उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए उपयुक्त बनाते हैं। उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास और शासन के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।