लखनऊ।( नोएडा खबर डॉट कॉम)
उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर 253वें दिन भी प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। समिति ने 8 अगस्त से 15 अगस्त तक ‘तिरंगा अभियान’ चलाने का ऐलान किया है, जिसके तहत बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता सार्वजनिक क्षेत्र में पावर सेक्टर को बचाने के लिए जनजागरण करेंगे। यह अभियान काकोरी क्रांति की 100वीं वर्षगांठ पर ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन की तर्ज पर ‘कारपोरेट पावर सेक्टर छोड़ो’ थीम के साथ शुरू होगा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों, जिनमें संजय सिंह चौहान, जितेंद्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेंद्र राय समेत अन्य शामिल हैं, ने बताया कि यह अभियान किसानों, गरीब और मध्यम वर्ग को निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करेगा। समिति का कहना है कि बिजली सार्वजनिक क्षेत्र में एक सेवा है, जबकि निजी कंपनियों के लिए यह मुनाफे का व्यापार है। निजीकरण से बिजली दरें तीन गुना बढ़ सकती हैं, जिससे गरीब उपभोक्ताओं पर भारी बोझ पड़ेगा। पावर कारपोरेशन ने बिजली दरों में 45% तक वृद्धि का प्रस्ताव भी दिया है, जिससे घरेलू बिजली 13 रुपये प्रति यूनिट तक हो सकती है।
समिति ने आरोप लगाया कि 1 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को मात्र 6,500 करोड़ की रिजर्व प्राइस पर बेचने की तैयारी है और 42 जनपदों की जमीन 1 रुपये की लीज पर निजी कंपनियों को दी जाएगी। यह गरीब बहुल पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण से प्रदेश के विकास को नुकसान पहुंचेगा।
शुक्रवार को नोएडा, गाजियाबाद, वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, झांसी, बरेली, अयोध्या, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद समेत कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। लखनऊ में 8 अगस्त को दोपहर 1 बजे रेजीडेंसी, लेसा मुख्यालय पर विरोध सभा होगी, जिसके बाद बिजली कर्मी तिरंगा लेकर शहीद स्मारक तक जाएंगे और शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे।