नोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जल प्रदूषण को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाते हुए 7 बिल्डरों पर 54 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निष्क्रिय होने और बिना शोधन के सीवेज को नालों में डालने के कारण की गई। प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि दोबारा जांच में कमी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज होगी और लीज डीड व भवन नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर सीवेज को शत-प्रतिशत शोधित कर पुनः उपयोग करने का प्रयास जारी है। इसके तहत ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एसटीपी का निर्माण चल रहा है और आईटी सिटी में भी एसटीपी को मंजूरी दी गई है। हालांकि, कुछ बिल्डर बहुमंजिला सोसाइटियों से निकलने वाले सीवेज को बिना शोधन के नालों में डाल रहे हैं। प्राधिकरण के सीवर विभाग ने ऐसी लापरवाही पर सख्ती दिखाते हुए राजहंस रेजिडेंसी, पैरामाउंट इमोशंस, देविका होम्स, कैपिटल एथिना, पंचशील हाइनिस (सेक्टर-1), जेएम फ्लोरेंस (टेकजोन-4) और पंचशील ग्रीन्स-2 (सेक्टर-16) पर जुर्माना लगाया। जुर्माने का विवरण:राजहंस रेजिडेंसी (सेक्टर-1): 5 लाख रुपये
पैरामाउंट इमोशंस (सेक्टर-1): 5 लाख रुपये
देविका होम्स (सेक्टर-1): 10 लाख रुपये
कैपिटल एथिना (सेक्टर-1): 5 लाख रुपये
पंचशील हाइनिस (सेक्टर-1): 12 लाख रुपये
जेएम फ्लोरेंस (टेकजोन-4): 5 लाख रुपये
पंचशील ग्रीन्स-2 (सेक्टर-16): 12 लाख रुपये
प्राधिकरण ने बिल्डरों को जुर्माने की राशि एनजीटी के खाते में जमा करने और चालान की प्रति जमा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सीवेज को शोधित कर साफ पानी का पुनः उपयोग करने को कहा गया है। प्राधिकरण की टीम दोबारा एसटीपी की जांच करेगी, और कमी पाए जाने पर एनजीटी व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों के तहत एफआईआर और अन्य कार्रवाई होगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीवेज को शत-प्रतिशत शोधित कर साफ पानी के पुनः उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए निवासियों का सहयोग जरूरी है। बिल्डर सोसाइटियों में एसटीपी का संचालन अनिवार्य है। बिना शोधन के सीवेज नालों में डालने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। सीवर विभाग नियमित जांच जारी रखेगा।