स्पेशल स्टोरी: अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की माया का असर

-पर्यटन की नजर से देश मे तीसरे नम्बर पर
-हर रोज डेढ़ से दो लाख लोग पहुंचते हैं अयोध्या
-एक लाख करोड़ तक पहुंच सकता है जिले में कारोबार
-होटल व रेस्टोरेंट पर लगी है भीड़

विनोद शर्मा

अयोध्या, (नोएडा खबर डॉट कॉम)

अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद शहर ने आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास देखा है। यह न केवल आस्था का केंद्र बना है, बल्कि पर्यटन और अर्थव्यवस्था के लिए एक वैश्विक हॉटस्पॉट भी बन गया है।

अयोध्या के विकास को कैसे लगे पंख?
पर्यटन में वृद्धि:

राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन गया है। पहले जहां प्रतिदिन 4-5 हजार श्रद्धालु आते थे, वहीं अब रोजाना 1.5 से 2 लाख लोग रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। साल 2024 के पहले छह महीनों में ही 10.99 करोड़ घरेलू और 2,851 विदेशी पर्यटक अयोध्या आए, यानी कुल 11 करोड़ पर्यटक। यह संख्या उत्तर प्रदेश के कुल पर्यटकों (33 करोड़) का एक तिहाई है। कुछ स्रोतों के अनुसार, प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से अब तक 13 करोड़ से अधिक पर्यटक अयोध्या पहुंच चुके हैं।
आर्थिक समृद्धि:
पर्यटकों की भारी भीड़ ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। होटल, रेस्तरां, परिवहन, और छोटे-मोटे व्यवसाय जैसे पूजा सामग्री, फूल, और हस्तशिल्प की बिक्री में 3-4 गुना वृद्धि हुई है। अनुमान है कि प्रत्येक पर्यटक औसतन 2,000 रुपये खर्च करता है, जिससे अयोध्या में प्रतिवर्ष 50,000 करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है। मंदिर निर्माण पूरा होने पर यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

बुनियादी ढांचे का विकास:

योगी सरकार ने अयोध्या को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, उन्नत रेलवे स्टेशन, और सड़क नेटवर्क का विकास हुआ है। 20 से अधिक फाइव-स्टार होटल और रिसॉर्ट के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन परियोजनाओं ने अयोध्या को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया है।
रोजगार सृजन:

पर्यटन वृद्धि ने लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। छोटे व्यवसायियों, किसानों (फल, सब्जी, फूल की आपूर्ति), और स्थानीय कारीगरों को लाभ हुआ है। होटल, परिवहन, और खाद्य उद्योग में रोजगार के नए अवसर खुले हैं।
सांस्कृतिक और सामाजिक एकता: राम मंदिर ने न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत किया। देश-विदेश से लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं, जिससे सनातन धर्म की वैश्विक पहचान बढ़ी है।
पर्यटकों की संख्या 2024 में पर्यटक:

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार, जनवरी से जून 2024 तक अयोध्या में 10.99 करोड़ घरेलू और 2,851 विदेशी पर्यटक आए, यानी कुल 11 करोड़।
कुल पर्यटक (प्राण-प्रतिष्ठा के बाद): कुछ स्रोतों के अनुसार, जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक 13 करोड़ से अधिक पर्यटक अयोध्या पहुंचे।
तुलना: 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में पर्यटन 6 गुना बढ़ा। पहले जहां वाराणसी शीर्ष पर्यटन स्थल था, अब अयोध्या ने इसे पीछे छोड़ दिया है।

जिले के राजस्व की तस्वीर
मंदिर की आय:
फरवरी 2025 तक राम मंदिर की वार्षिक आय 700 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जो इसे तिरुपति बालाजी और पद्मनाभस्वामी मंदिर के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक स्थल बनाता है।
स्थानीय व्यापार:
पर्यटकों के खर्च से अयोध्या में प्रतिवर्ष 50,000 करोड़ रुपये का व्यापार हो रहा है, जो भविष्य में 1 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।

केंद्र और राज्य सरकार को लाभ: रेलवे, परिवहन, और विमानन क्षेत्र में भी राजस्व बढ़ा है। स्थानीय व्यापारियों की प्रति व्यक्ति आय में 3-4 गुना वृद्धि देखी गई है।

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