आरएसएस का शताब्दी वर्ष: नोएडा समेत पूरे देश में अनुशासन, जागरण और समरसता के विशेष कार्यक्रम

नोएडा, ( नोएडा खबर डॉट कॉम)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने गौरवशाली शताब्दी वर्ष (2025-26) को धूमधाम से मना रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर में समाज को सशक्त, संगठित और राष्ट्रभावना से ओतप्रोत बनाने के लिए व्यापक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। नोएडा महानगर में भी बस्ती से लेकर नगर स्तर तक अनुशासित पथ संचलन, घर-घर संपर्क अभियान और युवा सम्मेलनों जैसे आयोजन निर्धारित हैं, जो भारतीय समाज को अपनी जड़ों से जोड़ने, पारिवारिक मूल्यों को मजबूत करने तथा राष्ट्रहित में कर्तव्यों का बोध कराने पर केंद्रित हैं।आरएसएस के इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक पहुंचकर एकात्मता और सांस्कृतिक जागरण की लहर फैलाना है।
नोएडा महानगर के प्रभारी अधिकारी सतेंद्र जी के अनुसार, ये कार्यक्रम न केवल स्थानीय स्तर पर एकजुटता को बढ़ाएंगे, बल्कि पूरे भारत में लाखों स्वयंसेवकों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को गति प्रदान करेंगे।प्रमुख कार्यक्रमों की झलकनोएडा में होने वाले मुख्य आयोजनों में विविधता और गहराई का ध्यान रखा गया है। यहां कुछ प्रमुख कार्यक्रमों का विवरण:

कार्यक्रम
तिथि/अवधि
स्तर
मुख्य विशेषताएं
पथ संचलन
28 सितंबर, 2 अक्टूबर एवं 5 अक्टूबर 2025
बस्ती स्तर
पूर्ण गणवेश में अनुशासित मार्च; अनुशासन, संगठन शक्ति और एकात्मता का संदेश।
गृह संपर्क अभियान
1 नवंबर 2025 से 30 नवम्बर 2026 तक
घर-घर
2000 टोलियां (प्रत्येक में 3 स्वयंसेवक); संघ कार्यों और शताब्दी गतिविधियों की जानकारी साझा।
हिंदू सम्मेलन
11 जनवरी से 15 फरवरी 2026
बस्ती स्तर
समाज के विभिन्न घटकों को एकजुट कर सांस्कृतिक जागरण और राष्ट्रहित में सहभागिता।
प्रमुख जनों की गोष्ठी
निर्धारित (जल्द घोषणा)
जिला/नगर स्तर
प्रबुद्ध नागरिकों, समाजसेवियों के साथ समाज उत्थान पर चर्चा।
सद्भाव बैठक
अप्रैल 2026
नगर स्तर
संत-महात्माओं और समाज वर्गों को जोड़कर सामाजिक समरसता का वातावरण।
युवा सम्मेलन
15 अगस्त से 17 सितंबर 2026
व्यापक
युवाओं में राष्ट्रभावना, कर्तव्यनिष्ठा और संगठन शक्ति जागृत।
अधिकतम शाखा अभियान
27 सितंबर से 4 अक्टूबर 2026
सभी स्तर
प्रौढ़, तरुण, तरुण व्यवसायी और बाल शाखाओं का विस्तार; व्यक्ति निर्माण पर जोर।

ये कार्यक्रम नोएडा के अलावा पूरे भारत में समानांतर रूप से आयोजित होंगे, जिसमें लाखों स्वयंसेवक भाग लेंगे।शताब्दी वर्ष का केंद्रबिंदु: ‘पंच परिवर्तन’आरएसएस ने इस शताब्दी वर्ष में समाज को उसके मूल वैभव की ओर ले जाने के लिए ‘पंच परिवर्तन’ पर विशेष फोकस किया है। ये पांच प्रमुख परिवर्तन निम्नलिखित हैं:

  1. कुटुंब प्रबोधन: परिवार संस्था को मजबूत कर सामाजिक एकता सुदृढ़ करना।
  2. पर्यावरण संरक्षण: प्रकृति रक्षा के लिए जागरूकता और व्यावहारिक आचरण।
  3. सामाजिक समरसता: समाज के हर स्तर पर समानता और सद्भाव का निर्माण।
  4. नागरिक कर्तव्य: राष्ट्रहित में व्यक्तिगत दायित्वों की जागृति।
  5. स्व का बोध: भारतीय संस्कृति और परंपरा के गौरव से आत्मगौरव जगाना।

ये परिवर्तन न केवल कार्यक्रमों का आधार बनेंगे, बल्कि लंबे समय तक समाज को दिशा प्रदान करेंगे। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि शताब्दी वर्ष के माध्यम से भारत को एक मजबूत, समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया गया है।नागरिकों से अपील की गई है कि वे इन कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी करें और राष्ट्र निर्माण की इस यात्रा का हिस्सा बनें। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय शाखाओं से संपर्क किया जा सकता है।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *