कार्यक्रम
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तिथि/अवधि
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स्तर
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मुख्य विशेषताएं
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पथ संचलन
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28 सितंबर, 2 अक्टूबर एवं 5 अक्टूबर 2025
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बस्ती स्तर
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पूर्ण गणवेश में अनुशासित मार्च; अनुशासन, संगठन शक्ति और एकात्मता का संदेश।
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गृह संपर्क अभियान
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1 नवंबर 2025 से 30 नवम्बर
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घर-घर
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2000 टोलियां (प्रत्येक में 3 स्वयंसेवक); संघ कार्यों और शताब्दी गतिविधियों की जानकारी साझा।
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हिंदू सम्मेलन
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11 जनवरी से 15 फरवरी 2026
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बस्ती स्तर
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समाज के विभिन्न घटकों को एकजुट कर सांस्कृतिक जागरण और राष्ट्रहित में सहभागिता।
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प्रमुख जनों की गोष्ठी
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निर्धारित (जल्द घोषणा)
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जिला/नगर स्तर
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प्रबुद्ध नागरिकों, समाजसेवियों के साथ समाज उत्थान पर चर्चा।
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सद्भाव बैठक
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अप्रैल 2026
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नगर स्तर
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संत-महात्माओं और समाज वर्गों को जोड़कर सामाजिक समरसता का वातावरण।
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युवा सम्मेलन
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15 अगस्त से 17 सितंबर 2026
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व्यापक
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युवाओं में राष्ट्रभावना, कर्तव्यनिष्ठा और संगठन शक्ति जागृत।
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अधिकतम शाखा अभियान
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27 सितंबर से 4 अक्टूबर 2026
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सभी स्तर
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प्रौढ़, तरुण, तरुण व्यवसायी और बाल शाखाओं का विस्तार; व्यक्ति निर्माण पर जोर।
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ये कार्यक्रम नोएडा के अलावा पूरे भारत में समानांतर रूप से आयोजित होंगे, जिसमें लाखों स्वयंसेवक भाग लेंगे।शताब्दी वर्ष का केंद्रबिंदु: ‘पंच परिवर्तन’आरएसएस ने इस शताब्दी वर्ष में समाज को उसके मूल वैभव की ओर ले जाने के लिए ‘पंच परिवर्तन’ पर विशेष फोकस किया है। ये पांच प्रमुख परिवर्तन निम्नलिखित हैं:
- कुटुंब प्रबोधन: परिवार संस्था को मजबूत कर सामाजिक एकता सुदृढ़ करना।
- पर्यावरण संरक्षण: प्रकृति रक्षा के लिए जागरूकता और व्यावहारिक आचरण।
- सामाजिक समरसता: समाज के हर स्तर पर समानता और सद्भाव का निर्माण।
- नागरिक कर्तव्य: राष्ट्रहित में व्यक्तिगत दायित्वों की जागृति।
- स्व का बोध: भारतीय संस्कृति और परंपरा के गौरव से आत्मगौरव जगाना।
ये परिवर्तन न केवल कार्यक्रमों का आधार बनेंगे, बल्कि लंबे समय तक समाज को दिशा प्रदान करेंगे। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि शताब्दी वर्ष के माध्यम से भारत को एक मजबूत, समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया गया है।नागरिकों से अपील की गई है कि वे इन कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी करें और राष्ट्र निर्माण की इस यात्रा का हिस्सा बनें। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय शाखाओं से संपर्क किया जा सकता है।