नोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
नोएडा के सेक्टर 22, 23, 24 और चौड़ा रघुनाथपुर इलाकों में पानी की भारी किल्लत हो गई है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि जल विभाग की लापरवाही के कारण यह संकट गहरा गया है। कुल 11 ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई होने वाली इस व्यवस्था में चार ट्यूबवेल पूरी तरह बंद पड़े हैं, जबकि बाकी सात ट्यूबवेल भी केवल 30-40 प्रतिशत क्षमता पर चल रही हैं। नतीजा यह है कि ओवरहेड टैंक (ओएचआर) और अंडरग्राउंड रिजर्वायर (यूजीआर) भी अपनी 50 प्रतिशत क्षमता तक ही भर पा रहे हैं। पिछले डेढ़ साल से कोई नई ट्यूबवेल नहीं लगी है, जिससे हजारों परिवार रोजमर्रा की जिंदगी में पानी के लिए तरस रहे हैं। इस मुद्दे को लोगों ने नोएडा विधायक पंकज सिंह के सामने जन संवाद कार्यक्रम में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के सामने उठाया था।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि सुबह-शाम पानी की लाइनें लगी रहती हैं, लेकिन सप्लाई अनियमित है। “हमारे घरों में दो-दो दिन तक पानी नहीं आता। बोतल का पानी खरीदना पड़ता है, जो बजट पर बोझ डाल रहा है,” एक निवासी ने शिकायत की। एक अन्य ने कहा, “यह समस्या महीनों से चली आ रही है, लेकिन अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं।”समस्या की जड़ में पांच नई ट्यूबवेल लगाने की फाइलें अटकी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, ये फाइलें पिछले छह महीने तक संबंधित प्रभारी इंजीनियर के पास धूल खाती रहीं। अब इंजीनियर बता रहे हैं कि फाइलें जनरल मैनेजर (जीएम) के कार्यालय में पिछले एक महीने से पड़ी हैं। “फाइलें डंप हो गई हैं, कोई कार्रवाई नहीं हो रही,” एक सूत्र ने खुलासा किया। जल विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला, लेकिन विभागीय स्रोतों का कहना है कि प्लांनिग और मंजूरी की कमी के कारण देरी हो रही है।
नोएडा अथॉरिटी के जल विभाग ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई ट्यूबवेलों की स्थापना के लिए जल्द ही निविदा जारी की जाएगी।
यह संकट नोएडा के तेजी से बढ़ते शहरीकरण का आईना है, जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव जनता को परेशान कर रहा है। निवासी संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान न हुआ तो वे आंदोलन करेंगे। क्या जल विभाग की ‘फाइल डंप’ वाली नीति से नोएडा की प्यास बुझेगी? सवाल वही है, जवाब का इंतजार जारी।