29 अक्टूबर से भाकियू मंच का नोएडा प्राधिकरण पर अनिश्चितकालीन धरना: किसानों में उबाल, बोर्ड बैठक में मांगों की अनदेखी से रोष

नोएडा,(नोएडा खबर डॉट कॉम)
नोएडा के 81 गांवों के किसानों का गुस्सा अब सड़क पर उतरने को तैयार है। भारतीय किसान यूनियन मंच ने 29 अक्टूबर से नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया है। संगठन का आरोप है कि प्राधिकरण की हालिया बोर्ड बैठक में किसानों की लंबित मांगों पर कोई चर्चा या निर्णय नहीं लिया गया, जिससे क्षेत्र के अन्नदाताओं में भारी रोष व्याप्त है।
मासिक बैठक में लिया गया फैसला
भारतीय किसान यूनियन मंच के प्रधान कार्यालय, गांव शाहपुर गोवर्धनपुर (सेक्टर 128, नोएडा) में रविवार को आयोजित मासिक बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल त्यागी ने उत्तर प्रदेश के सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “29 अक्टूबर से नोएडा प्राधिकरण पर धरना शुरू होगा। सभी जिलों में किसानों को जागरूक करें और भारी संख्या में पहुंचें। आपकी भूमिका निर्णायक होगी।”त्यागी ने 3 अक्टूबर को हुई नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें किसानों की किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया गया। “यह किसानों के साथ खिलवाड़ है। प्राधिकरण विकास के नाम पर जमीनें लेता है, लेकिन मुआवजा, विकसित भूखंड और अन्य हक-अधिकारों पर खामोशी बरतता है।”
अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने का आह्वान
राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधीर चौहान ने पदाधिकारियों से अपील की, “किसानों का भविष्य आपके हाथों में है। अन्याय और शोषण के खिलाफ बिना डरे आवाज उठाएं। 29 अक्टूबर को नोएडा प्राधिकरण पर पहुंचकर पीड़ित किसानों की लड़ाई लड़ें।”
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अशोक चौहान ने बताया कि आंदोलन की तैयारी के लिए सभी गांवों में टीमें गठित की जा रही हैं। जन जागरण अभियान चलाया जाएगा, ताकि 81 गांवों के किसान एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ सकें। “हमारा संकल्प है कि हक लेकर रहेंगे। प्राधिकरण को झूठे आश्वासनों से बचना होगा।”
लंबित मुद्दों पर किसानों का गुस्सा
किसान संगठन का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण ने वर्षों से अधिग्रहित जमीनों के बदले 10% विकसित आबादी प्लॉट, 64.7% अतिरिक्त मुआवजा, नई भूमि अधिग्रहण नीति के तहत चार गुना मुआवजा और हाईपावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने जैसे वादे पूरे नहीं किए। हाल की बोर्ड बैठक में इन मुद्दों की अनदेखी ने किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया है।पिछले वर्षों में भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में किसान आंदोलनों ने प्राधिकरण को हिलाकर रख दिया था।
दिसंबर 2024 में दिल्ली कूच के प्रयास और गिरफ्तारियां इसका उदाहरण हैं, जहां 10% प्लॉट और मुआवजे की मांगें प्रमुख रहीं। जुलाई 2025 में भी जीरो पॉइंट पर प्रदर्शन हुए थे। अब भारतीय किसान यूनियन मंच का यह अनिश्चितकालीन धरना नोएडा के विकास मॉडल पर सवाल खड़े कर सकता है।
बैठक में चिंकू यादव, सुरेंद्र प्रधान, सूरज प्रधान, चरण सिंह प्रधान, प्रमोद त्यागी, मनविंदर भाटी, सुनील भाटी, डीपी चौहान, विक्रम यादव, सोनू बजरंगी, अमित बैसोया, उमंग शर्मा, गजेंद्र बैसोया, अभिषेक तोमर, अलकेश बैसोया, रिंकू यादव, प्रिंस भाटी, सोनू खारी, रोहित यादव, नवीन यादव, लोकेश चौहान, अक्षय मुख्या, सुरेंद्र वशिष्ठ समेत कई पदाधिकारी और किसान मौजूद रहे।किसान संगठन ने प्राधिकरण से तत्काल वार्ता की मांग की है, वरना आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है।

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