नोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम के नेतृत्व में आयोजित समीक्षा बैठक में क्षेत्र के घनी आबादी वाले नौ गांवों—बरौला,सिलारपुर, याकूबपुर, भंगेल, गिझौड,सर्फाबाद, सदरपुर, छलेरा, मोरना में मूलभूत सुविधाओं की बदहाली को सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
शुक्रवार को हुई इस बैठक में अधिकारियों की मौजूदगी और दिए गए सख्त निर्देशों से इन गांवों के निवासियों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद जगी है। प्राधिकरण के अफसरों के सक्रिय दौरे और निरीक्षण का सीधा असर अब इन सुधारों में दिखाई दे रहा है, जो लंबे समय से चली आ रही जलापूर्ति, सफाई, सीवर और सड़क मरम्मत की समस्याओं का समाधान करने जा रहा है।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्ण करुणेश, विशेष कार्याधिकारी महेंद्र प्रसाद, महाप्रबंधक (सिविल/जन स्वास्थ्य) ए.के. अरोड़ा और एस.पी. सिंह, महाप्रबंधक (जल/विद्युत) आर पी सिंह, जन स्वास्थ्य इन्दु प्रकाश सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
सीईओ लोकेश एम ने प्रथम चरण में इन नौ गांवों पर फोकस करते हुए 11 प्रमुख निर्देश जारी किए, जिन्हें एक माह के अंदर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कदम प्राधिकरण की ग्राउंड-लेवल मॉनिटरिंग और अफसरों के नियमित दौरों का परिणाम है, जो गांवों की वास्तविक समस्याओं को समझने में मददगार साबित हो रहा है।
प्रमुख सुधार निर्देश और उनका प्रभाव
सीवर सफाई अभियान: सभी नौ गांवों में सीवर लाइन और मैनहोल की सफाई के लिए एक माह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इससे ओवरफ्लो की पुरानी शिकायतें दूर होंगी।
पंपिंग सिस्टम: ओवरफ्लो वाले क्षेत्रों में छोटे पंप और फ्लश सिस्टम लगाकर तत्काल समाधान किया जाएगा, जो जलभराव को रोकेगा।
सीवर लाइन अपग्रेड: छोटी लाइनों को बड़ी में बदलकर गांवों के बाहरी हिस्सों में पंपिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिससे लंबे समय तक समस्या न हो।
सिल्ट सफाई: जन स्वास्थ्य विभाग सभी गलियों में पूर्ण सिल्ट सफाई करेगा, जो स्वच्छता स्तर को बढ़ाएगा।
विशेष सफाई: क्षतिग्रस्त नालियों और जलभराव वाले स्थानों पर ब्लिचिंग पाउडर डालकर गहन सफाई होगी।
डोर-टू-डोर कचरा संग्रह: जनसंख्या के अनुपात में कचरा उठाव बढ़ाया जाएगा, जो कूड़े के ढेर को कम करेगा।
पशु गोबर प्रबंधन: पशुपालक बहुल गांवों में गोबर उठाव और गोबर गैस प्लांट जैसी योजनाएं तैयार की जाएंगी।
झाड़ियां और फेंसिंग: बाहरी खाली भूखंडों की सफाई कर बाउंड्री फेंसिंग की जाएगी, ताकि झाड़ियां दोबारा न उगें।
मलेरिया रोधक छिड़काव: सभी वेक्टर जोन में डबल डोज छिड़काव और सुबह-शाम वाहन गश्त सुनिश्चित की जाएगी।
नालियां और गड्ढे मरम्मत: टूटी नालियों की मरम्मत और गड्ढों की भराई एक माह में पूरी होगी।
ड्रेन डी-क्लीनिंग: लंबे ड्रेन्स बनाकर अवरुद्ध नालियों को ग्रामवासियों के सहयोग से साफ किया जाएगा।
ये निर्देश प्राधिकरण के अफसरों के हालिया दौरों का सीधा नतीजा हैं, जहां गांवों की जमीनी हकीकत को देखते हुए त्वरित कार्रवाई पर जोर दिया गया। निवासियों का कहना है कि वर्षों से चली आ रही सीवर ओवरफ्लो, जलभराव और कचरा समस्या अब सुधरेगी, जिससे स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार आएगा। प्राधिकरण की यह पहल न केवल बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी स्तर की सफाई सुनिश्चित करेगी।
सीईओ लोकेश एम ने अधिकारियों को सख्ती से निर्देश दिए हैं कि कार्य की प्रगति पर साप्ताहिक समीक्षा होगी। यदि ये सुधार समयबद्ध पूरे हुए, तो नोएडा के इन नौ गांवों की तस्वीर बदल जाएगी, और प्राधिकरण की मॉनिटरिंग मॉडल अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा बनेगी।
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